Breaking News : जोखाबाद के ‘जहरीले हालात’ पर गरजा करप्शन फ्री इंडिया, लखनऊ में यूपी प्रदूषण बोर्ड से मिलकर की बड़ी शिकायत, फैक्ट्रियों से निकल रहा ज़हर, गांवों का जल हो चुका है विष समान, लखनऊ में सौंपा गया सख्त कार्यवाही का ज्ञापन

सिकंदराबाद/लखनऊ, रफ़्तार टुडे।
बुलंदशहर जिले के जोखाबाद औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बढ़ते जल और वायु प्रदूषण ने अब जनजीवन को संकट में डाल दिया है। यहां स्थित कई फैक्ट्रियां एनजीटी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के नियमों को धत्ता बता रही हैं। इन्हीं चिंताओं को लेकर करप्शन फ्री इंडिया संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी लखनऊ में UPPCB के अध्यक्ष आर.पी. सिंह और सचिव संजीव कुमार सिंह से मुलाकात कर कठोर कार्यवाही की मांग की।
लखनऊ में सौंपी गई शिकायत: जब प्रदूषण का मुद्दा पहुँचा सरकार की चौखट पर
करप्शन फ्री इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष बलराज हूंण के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल लखनऊ स्थित बोर्ड कार्यालय पहुँचा। संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय ने खुद शिकायत पत्र सौंपते हुए कहा कि:
“जोखाबाद औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों द्वारा टायर और कपड़ों की खुलेआम जलाने की प्रक्रिया, वायु और जल दोनों में ज़हर घोल रही है। दर्जनों गांवों का भूजल पीने योग्य नहीं रह गया। सांस की बीमारी, त्वचा रोग और कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं।”
फैक्ट्रियां उड़ेल रही हैं ज़हर, न अधिकारी सतर्क, न नियमों की परवाह
प्रवीण भारतीय ने बताया कि एनजीटी द्वारा तय मानकों और प्रदूषण बोर्ड के दिशानिर्देशों की घोर अवहेलना हो रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा:
“उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों ने आंखें मूंद रखी हैं। यह लापरवाही न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि हजारों ग्रामीणों के जीवन के साथ खिलवाड़ है।”
ग्रामीणों की सेहत खतरे में, ज़हरीली हवा में सांस लेना बना चुनौती
जोखाबाद से लगे गांव तिगरी, खानपुर, कचनौंदा, रसूलपुर, भोपतपुर, कोलागर, शिवपुरा जैसे इलाकों के निवासियों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और पानी से पेट संबंधी बीमारियों की शिकायतें बढ़ गई हैं।
“पानी का रंग पीला और बदबूदार हो गया है, कुछ जगह तो हैंडपंप से निकलता पानी इस्तेमाल करने लायक ही नहीं रहा,” – स्थानीय ग्रामीणों का बयान।
टेस्ट रिपोर्ट की मांग, इंडिपेंडेंट जांच की मांग
करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने यह भी मांग की कि जोखाबाद क्षेत्र के जल और वायु की स्वतंत्र लैब से जांच कराई जाए और दोषी फैक्ट्रियों के खिलाफ एनजीटी एक्ट के तहत कठोरतम कार्रवाई हो।
UPPCB अध्यक्ष ने दिए त्वरित कार्रवाई के संकेत
इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष आर.पी. सिंह और सचिव संजीव कुमार सिंह ने शिकायत पत्र को गंभीरता से लेते हुए जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा:
“हम जल्द ही एक उच्चस्तरीय टीम भेजकर जोखाबाद क्षेत्र का फिजिकल निरीक्षण करवाएंगे। यदि कोई फैक्ट्री प्रदूषण नियंत्रण मानकों का उल्लंघन करती पाई गई, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।”
संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय का बयान: जनता को साथ लाना होगा
“हम केवल ज्ञापन नहीं दे रहे, जन चेतना की लहर उठा रहे हैं। यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो हम ग्रामीणों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन और जनहित याचिका दायर करने तक जाएंगे। अब और ज़हर नहीं सहेंगे।”
पृष्ठभूमि: क्यों बन गया है जोखाबाद एक प्रदूषण हॉटस्पॉट?
- बिना ट्रीटमेंट के फैक्ट्रियों का गंदा पानी सीधे नालों में
- टायर और कपड़ा जलाकर सस्ते ईंधन के रूप में इस्तेमाल
- कोई एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP) नहीं
- गांवों में नजदीक भूजल में कैडमियम, लेड और अमोनिया जैसे तत्व
- क्षेत्रीय अधिकारियों की मिलीभगत से ‘अनियंत्रित’ औद्योगीकरण
अगले कदम: RTI, NGT याचिका और जन अभियान की तैयारी
करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने यह भी घोषणा की कि अगर कार्रवाई में देरी हुई तो:
- RTI के माध्यम से क्षेत्रीय अधिकारियों की जांच
- NGT में जनहित याचिका दाखिल
- ग्रामीणों को साथ लेकर ‘जल-जागृति अभियान’ की शुरुआत
जनता से अपील: चुप मत रहिए, अपने स्वास्थ्य के लिए आवाज़ उठाइए
बलराज हूंण और प्रवीण भारतीय ने सभी स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्र संगठनों से अपील की कि वे इस जनहित के मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाएं।
“स्वस्थ जल और स्वच्छ वायु हमारा मौलिक अधिकार है। इसे छीनने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
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