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Ghaziabad News: तीन साल से छात्र की मार्कशीट दबाए बैठा स्कूल, डीएसओ से की शिकायत, 3 हजार रुपए की फीस पर ब्याज लगाकर छात्र से मांगे 27 हजार रुपये, कोरोनाकाल में फीस जमा न कर पाने का भुगत रहा खामियाज़ा

गाजियाबाद, रफ़्तार टुडे। हर बच्चे को शिक्षा मिले इस बात की तरफ शासन का भले ही कितना जोर हो लेकिन कुछ शिक्षण संस्थान ऐसे भी हैं जिन्होने शिक्षा को केवल व्यापार बनाकर रख दिया है। गाजियाबाद के ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान का मामला सामने आया है जिसके कारण एक होनहार छात्र का भविष्य दाव पर लग गया है। छात्र द्वारा कोरोनकाल में महज 3 हजार रुपये की फीस जमा न कर पाने के कारण स्कूल ने उसकी मार्कशीट व अन्य औपचारिक कागजात तक उसे नही दिए हैं। यहां तक कि स्कूल ने पूरा साहूकारी के नियम अपनाते हुए छात्र से 3 हजार रुपये के बकाया पर ब्याज लगाते हुए 27 हजार रुपये बकाया निकाल दिए हैं। छात्र द्वारा कॉम्पिटिटिव एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन किए जाने के बावजूद कहीं प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। छात्र ने अब जिला विद्यालय निरीक्षक से उसकी कागजात दिलवाने की गुहार लगाई है।


जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के आर्य नगर निवासी कृष्णेन्दु गुप्ता के पुत्र यश गुप्ता ने दयानन्द नगर स्थित एस डी ग्लोबल स्कूल से 2020-21 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। ज्ञात हो कि उसी दौरान कोरोनकाल भी चल रहा था जिसने आमजन की की कमर तोड़ कर रख दी थी। कोरोनकाल के दौरान यश अपनी फीस के 3 हजार रुपये स्कूल को नहीं चुका पाया। जिसके कारण स्कूल ने उसकी मार्कशीट और अन्य कागजात उसे देने से इंकार कर दिया। बता दें कि यश ईडब्लूएस कैटेगरी में आता है। यहां तक कि सोमवार को यश सूचना अधिकार कार्यकर्ता संगठन के मेरठ मंडल अध्यक्ष गुलमोहर एन्क्लेव निवासी आर के गर्ग के साथ जिला विद्यालय निरिक्षक के पास पहुंचा और स्कूल की शिकायत उनसे करते हुए मार्कशीट दिलवाने का आग्रह भी किया।

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जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश पांडे ने मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन भी यश को दिया है। वहीं यश ने बताया कि उसने क्लैट-2024 की परीक्षा पास कर ली है लेकिन मार्कशीट आदि न मिलने के करण उसे आगे पढ़ाई करने में परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। यश ने बताया है कि स्कूल ने उसे एक सादा कागज पर 27000 रुपये बकाया लिखकर जमा करने के लिए कहा है। जिसके बाद यश के सामने और भी ज्यादा परेशानी आ खड़ी हुई है।

आरके गर्ग ने कहा कि स्कूल की प्रबंध समिति ने मानवीयता को ताक पर रखकर एक बच्चे के भविष्य को दांव पर लगा दिया है। स्कूल अब 3 हजार रुपये पर ब्याज लगाकर 27 हजार रुपये वसूल करने के लिए कह रहा है जो सरासर गलत है। शिक्षा के मन्दिर में ये साहूकारी का काम बंद होना चाहिए जिससे किसी भी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।

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