गाजियाबाद, रफ़्तार टुडे। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में दर्दनाक हादसा हो गया। दो मंजिला मकान में भीषण आग लगने से एक परिवार के पांच सदस्यों की जिंदा जलकर मौत हो गई। कड़ी मशक्कत के बाद दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। सूचना मिलते ही घटना पर आलाधिकारी पहुंचे।
बचने के लिए चीखता रहा परिवार
लोनी बॉर्डर थाना के गांव हाजीपुर बम्हैटा में इश्तयाक अली का तीन मंजिला मकान है। इश्तयाक का बेटा साजिद फोम का काम करता है। मकान में रात करीब साढ़े 8 बजे शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई। फोम से पलभर में आग ने पूरे मकान को अपनी चपेट में ले लिया। पूरा परिवार घर के अंदर फंस गया। लोगों ने निकलने की हर कोशिश की, लेकिन निकल नहीं पाए। उनके चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग पहुंचे। उन्होंने आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए, लेकिन आग बढ़ती गई।
फर्स्ट फ्लोर पर मिली लाशें, लोनी बॉर्डर इलाके में स्थित बहटा हाजीपुर में दो मंजिला मकान में आग की सूचना दमकल विभाग को बुधवार रात मिली थी. दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिशें शुरू की। आग ग्राउंड फ्लोर से ऊपर के फ्लोर तक भी पहुंच गई थी। दमकल कर्मियों ने जब ऊपर के फ्लोर पर जाकर देखा तो पांच लोग जिंदा जल गए थे।
मरने वालों में दो बच्चे और दो माहिलाएं, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार ने बताया कि सारिक की पत्नी फरहीन, 7 महीने का बेटा, बहन नजर, बहनोई सैफ और भांजी इसरा की जलकर मौत हो गई थी। जबकि सारिक की बहन उजमा और नजर का बेटा अर्श रहमान गंभीर रूप से झुलस गए थे, जिन्हें जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह सभी एक ही परिवार के हैं, जो दो मंजिला मकान में रह रहे थे। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मकान सारिक ठेकेदार है और घर से बाहर था। बुधवार रात जब वह घर लौटा तो घर से लपटें निकल रहीं थीं. बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी है। इसके अलावा घर में कुछ मशीनें भी रखी हुई थीं, जिसकी वजह से आग ने भयंकर रूप ले लिया।
मकान मालिक के सामने धूं-धूं कर जलता रहा घर
सारिक बुधवार रात 9 बजे जब लौटे तो उनका दो मंजिला घर जल रहा था. घर में 7 सदस्य मौजूद थे, जिनमें से एक मासूम बच्चा और महिला घर के निचले हिस्से में थे। जबकि पांच सदस्य ऊपरी हिस्से में थे। घर को चारों तरफ से आग ने घेर लिया था। जिसकी वजह से ऊपर फंसे हुए 5 सदस्यों का दम पहले धुएं से घुट गया। माना जा रहा है कि उन लोगों ने घर के ऊपरी हिस्से से बाहर निकलने का भी प्रयास किया था लेकिन छत वाले रास्ते पर लगे हुए दरवाजे में ताला लगा हुआ था।