गाजियाबाद18 मिनट पहले
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गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि 16 दिसंबर से एक्सप्रेस-वे पर वाहनाें का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
गाजीपुर बॉर्डर पर 384 दिन बाद खाली हो गया। सभी किसान यहां से अपने-अपने घरों को लौट गए हैं। सारे टेंट-तंबू उखाड़ लिए गए हैं। बुधवार रात करीब 9 बजे दिल्ली पुलिस ने मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर लगी बैरिकेडिंग हटा ली। गाजियाबाद पुलिस का दावा है कि आज यानी 16 दिसंबर से एक्सप्रेस-वे पर वाहन संचालन शुरू कर दिया जाएगा। गाजियाबाद से वाहन सीधे दिल्ली जा सकेंगे। यानी गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में एंट्री करने के लिए 40 मिनट की दूरी तय करनी पड़ती थी। लेकिन अब बैरिकेड्स हट जाने के बाद दिल्ली में 5 मिनट में एंट्री कर सकेंगे।
6 लेन पर 16-16 लेयर की बैरिकेडिंग थी
दिल्ली पुलिस ने छह लेन पर 16-16 लेयर बैरिकेडिंग एक साल से लगाई थी, ताकि किसान दिल्ली के अंदर न घुस पाएं। बुधवार रात 9 बजे जेसीबी से दिल्ली पुलिस ने पत्थर के भारी-भरकम बोल्डर हटवा दिए। यूपी पुलिस का प्लान बुधवार देर रात से ही ट्रैफिक शुरू करने का था, लेकिन ऐन वक्त पर मामला अटक गया। उसकी वजह एक कंटेनर बना, जो दिल्ली पुलिस ने एक्सप्रेस-वे के बीच रखवाया है।
दिल्ली पुलिस ने एक्सप्रेस-वे पर रखा यह कंटेनर बुधवार रात तक नहीं हटवाया। अब इसे गुरुवार को हटाकर यातायात शुरू कराया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स तो हटवा लिए, लेकिन रात तक कंटेनर नहीं हटवाया जा सका। अब इस कंटेनर को गुरुवार सुबह हटवाया जाएगा। इसके हटते ही तत्काल यूपी पुलिस अपनी बैरिकेडिंग हटा लेगी और गाजियाबाद से दिल्ली को आवागमन सीधे शुरू कर दिया जाएगा।
एलिवेटेड रोड अभी नहीं खुला
हिंडन नदी के ऊपर बना एलिवेटेड रोड भी गाजीपुर बॉर्डर पर जाकर मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे से जुड़ता है। यह रास्ता गाजीपुर मुर्गा मंडी के लिए भी जाता है। फिलहाल यह रास्ता बंद रहेगा। अभी एक्सप्रेस-वे के नीचे एलिवेटेड रोड पर मरम्मत कार्य होना बाकी है। यहां पर पानी और अन्य गंदगी है।
लाखों नौकरीपेशा लोगों की दूर होगी दिक्कत
दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग के चलते यूपी पुलिस ने दो जगहों पर बैरिकेड्स लगा रखे थे, ताकि वाहन गाजीपुर बॉर्डर तक नहीं पहुंच पाएं। फिलहाल, वाहन खोड़ा नगर पालिका गेट से मुड़कर गाजीपुर कूड़े के पहाड़ होते हुए कई किलोमीटर लंबा सफर करके दिल्ली जा रहे थे। सबसे ज्यादा दिक्कत लाखों नौकरीपेशा लोगों को हो रही थी, जिन्हें रोजाना ऑफिस पहुंचने में देरी होती थी। इन लोगों को सबसे बड़ी राहत मिलने जा रही है।