Graeter Noida Authority Breaking News: अभी तक नहीं दिया सीईओ ने शासन को कोई जवाब, व फर्जी तरीके से मकान किया पिता के नाम, पत्नी व बच्चों के नाम है अवैध प्लॉट
नोएडा, रफ्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 70 कर्मचारी और अफसरों के फर्जी नियुक्ति घोटाले के मामले में शासन भी सख्त हो गया है। 30 सितंबर को यूपी के औद्योगिक विकास अनुभाग-4 शासन में अनु सचिव रजनीकांत पांडेय की और से 2 कार्य दिवसों में शासन को जांच कर अवगत कराने के निर्देश सीईओ को दिए थे, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नही हुई है।
बगैर शासकीय अनुमति और वैधानिक प्रक्रिया के अनुपाल के ही नियुक्ति कैसे कर दी। इस मामले में अभी तक अथॉरिटी की ओर से कोई जवाब नही दिया गया है। जबकि फर्जी नियुक्ति घोटाले का भंडाफोड करने वाले समाजसेवी और आरटीआई एक्विसिट सेक्टर गामा-1 आरडब्ल्यूए के महासचिव राजेंद्र नागर से सीएम योगी आदित्यनाथ के पोर्टल से पूछा गया है कि आप जांच से संतुष्ट है या नही।
यूनियन का अध्यक्ष बताने वाले गजेंद्र चौधरी नामक कर्मचारी ने ही अपनी पत्नी, दो बेटे, भतीजे, भतीजे की पत्नी समेत दस लोगों को फर्जी तरीके से नियुक्ति करा दी। सीईओ स्टाफ आफिसर ने भी अपने बेटे को नौकरी दिलवादी। एसीईओ के स्टाफ आफिसर ने भी अपने भतीजे को नौकरी दिलवा दी।
एसीईओ के चपरासी ने भी अपने बेटे को नौकरी दिला दी। इस तरह के सेकडों मामले अथॉरिटी में भरे पडे है। राजेंद्र नागर ने बताया कि जब तक फर्जी नियुक्ति घोटाले की पाक-साफ जांच नही हो जाती है। तब तक उनका फर्जी नियुक्ति के मामले में हुए भ्रष्टाचार को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। भले ही उसे लखनऊ में सीएम दरबार में जाकर गुहार क्यो न लगानी पडे।
फर्जी तरीके से अपना प्लॉट किया पत्नी के नाम और उनके अवैध तरीके से कई प्लॉट गोरतबल है कि गजेंद्र चौधरी ने एक 60 मीटर का प्लॉट अपने लिए खरीदा और वह अपने पिता के नाम कर दिया और अपने लिए वह अपनी पत्नी के लिए फर्जी तरीके से प्लॉट लिया। फर्जी तरीके से अपना प्लॉट किया पत्नी, व पिता के नाम और उनके अवैध तरीके से कई प्लॉट ग्रेटर नोएडा में मौजूद है।