BIG BREAKING : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आर्थिक तस्वीर, दो साल में लोन मुक्त होने की राह पर, सीईओ एनजी रवि कुमार की अगुवाई में रिकॉर्ड फिक्स्ड डिपॉजिट से आमदनी में जबरदस्त उछाल
प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति में बड़ा सुधार, लेकिन विकास कार्यों पर खर्च बढ़ाने की जरूरत, NCPB के 13 में से 9 लोन पूरी तरह चुकाए

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक आते-आते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति में जबरदस्त सुधार देखने को मिला है। पिछले दो वर्षों में जहां प्राधिकरण पर भारी कर्ज का बोझ था, वहीं अब यह कर्ज तेजी से कम हो रहा है और फिक्स्ड डिपॉजिट से सालाना आमदनी में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
सीईओ एनजी रवि कुमार की अगुवाई में प्राधिकरण ने 2 साल में वित्तीय अनुशासन को मजबूत किया है और लोन चुकाने की रणनीति को सफलतापूर्वक लागू किया है। हालांकि, अभी भी शहर में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और विकास कार्यों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
कैसे सुधरी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति?
1. नोएडा प्राधिकरण का बकाया कर्ज हुआ कम
1 अप्रैल 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर नोएडा प्राधिकरण का ₹2590 करोड़ का बकाया कर्ज था। इस पर 6-7 महीने तक ब्याज भी नहीं दिया जा रहा था, जिससे प्राधिकरण की आर्थिक साख पर असर पड़ रहा था।
वर्तमान स्थिति:
- प्राधिकरण ने अब तक ₹240.5 करोड़ का मूलधन चुका दिया है और ब्याज का भुगतान भी नियमित रूप से किया जा रहा है।
- अगले कुछ महीनों में बाकी कर्ज चुकाने की योजना है।
2. NCPB के 13 में से 9 लोन पूरी तरह चुकाए
2023 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर राष्ट्रीय पूंजी निवेश और बुनियादी ढांचा बैंक (NCPB) के 13 लोन थे, जिनकी कुल राशि ₹482.5 करोड़ थी।

वर्तमान स्थिति:
- प्राधिकरण ने ₹155.16 करोड़ चुकाकर 9 लोन पूरी तरह खत्म कर दिए हैं।
- बाकी 4 लोन की किस्तें नियमित रूप से जा रही हैं।
3. प्राइवेट बैंकों से पूरी तरह कर्ज मुक्त
1 अप्रैल 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर विभिन्न प्राइवेट बैंकों का ₹1032.89 करोड़ का लोन था।
वर्तमान स्थिति:
- अब प्राधिकरण पर किसी भी प्राइवेट बैंक का कोई कर्ज बाकी नहीं है।
- ब्याज समेत संपूर्ण लोन चुका दिया गया है, जिससे वित्तीय बोझ में भारी कमी आई है।
4. फिक्स्ड डिपॉजिट में भारी इजाफा – 17 गुना से ज्यादा वृद्धि!
1 जुलाई 2023 तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास ₹357.75 करोड़ का फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) था।
वर्तमान स्थिति:
- अब ₹6154.25 करोड़ का फिक्स्ड डिपॉजिट हो गया है।
- इससे प्राधिकरण को सालाना ₹500 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी होगी।
5. फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज से कहां होगा खर्च?
प्राधिकरण को ब्याज से मिलने वाली यह आय कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खर्च की जाएगी:
- स्वास्थ्य सेवाओं पर निवेश किया जाएगा, जिससे सरकारी अस्पतालों और हेल्थ सेंटर्स की सुविधाएं सुधरेंगी।
- ग्रीन बेल्ट, पार्क और उद्यानों का विकास होगा, जिससे शहर अधिक हरित और प्रदूषण मुक्त बन सके।
- ग्रामीण विकास योजनाओं में धन लगाया जाएगा, जिससे आसपास के गांवों को भी शहरी सुविधाओं से जोड़ा जा सके।
- गौशालाओं के रखरखाव और उनकी स्थिति सुधारने में सहायता मिलेगी।
- प्राधिकरण कर्मचारियों की सैलरी और अन्य सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा।
- लोन और अन्य बकाया ब्याज के भुगतान के लिए भी इसी आमदनी का उपयोग होगा।
वित्तीय अनुशासन मजबूत, लेकिन विकास कार्यों पर खर्च कम
पिछले दो वर्षों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति में सुधार तो हुआ है, लेकिन नए विकास कार्यों और जनसुविधाओं पर अपेक्षाकृत कम खर्च किया जा रहा है।
- बिल्डर, कमर्शियल और इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के आवंटन से भारी राजस्व आया है, लेकिन सड़क, सीवर, पानी और अन्य आधारभूत सुविधाओं में निवेश अभी धीमा है।
- 2024-25 का वार्षिक बजट ₹5000 करोड़ के करीब रहने की उम्मीद है, जिससे शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का अवसर है।
- यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास विकसित किए जा रहे नए क्षेत्रों और निवेश परियोजनाओं को तेजी से लागू करने की जरूरत है।

क्या कहती है विशेषज्ञों की राय?
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वित्तीय अनुशासन में बड़ा सुधार किया है, लेकिन शहर की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए नए प्रोजेक्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से खर्च करना होगा।
- मेट्रो विस्तार परियोजनाओं को गति देने की जरूरत है।
- नए औद्योगिक क्षेत्रों और टेक्नोलॉजी हब्स के लिए योजनाएं लागू करनी होंगी।
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और बेहतर ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा फोकस करना होगा।
निष्कर्ष – आर्थिक सुधार के साथ विकास कार्यों की रफ्तार भी बढ़ानी होगी!
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दो सालों में वित्तीय रूप से मजबूत हुआ है, कर्ज चुकाने की दिशा में तेजी से बढ़ा है और फिक्स्ड डिपॉजिट से स्थायी आय का मजबूत स्रोत बनाया है। लेकिन शहरवासियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं देने के लिए प्राधिकरण को इंफ्रास्ट्रक्चर और पब्लिक सर्विस पर अधिक निवेश करना होगा।
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