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Greater Noida News: ऑपरेशन त्रिलोकपुरम, Panachs Villa को UPSIDA ने दूसरा नोटिस भेज नाम का प्रयोग करने पर सख्त कार्यवाही के आदेश, निर्माणाधीन पुलिस चौकी पर टांग दिया होर्डिंग


ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। Panachs Villa को UPSIDA ने दूसरा नोटिस भेज नाम का प्रयोग करने पर सख्त कार्यवाही के आदेश दिए गए है। निर्माणाधीन पुलिस चौकी पर होर्डिंग टांग दिया गया है। गुलिस्तानपुर गांव में 100 बीघा पर बन रही अवैध कॉलोनी में इस्कॉन इंफ्रा रियाल्टर (Escon Infra Realtors) के प्रोजेक्ट पनाशे विला (Panache Villa) को यूपीएसआईडीसी के रीजनल मैनेजर अनिल शर्मा ने दूसरा नोटिस इशू किया है इस नोटिस में बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट की प्रचार सामग्री से यूपीएसआईडीसी के नाम को फौरन हटाने के लिए कहा गया है ।

यूपीसीडा साइट सी में कानूनों को ताक पर रखकर बसाई जा रही त्रिलोकपुरम कॉलोनी के सामने यूपीसीडा बौना साबित हो रहा है। यूपीसीडा द्वारा कॉलोनाइजर और बिल्डर को जारी किए गए नोटिस को कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं, बिल्डर द्वारा यूपीसीडा के नोटिस को ेंगा दिखाते हुए यूपीसीडा के नाम का प्रयोग करते हुए एक होर्डंग तिलपता चौक पर बन रही पुलिस चौकी के ऊपर टांग दिया है। इस पूरे खेल में कई बड़े नेताओं से लेकर प्राधिकरण के कर्मचारी भी शामिल रहते हैं ऐसे में गौतम बुद्ध नगर में बड़े इन्वेस्टमेंट की राह देख रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैसे इन भू माफिया पर काबू पाएंगे यह सरकार का की सख्त कार्यवाही ही बता पाएगी।


बता दें कि यूपीसीडा द्वारा इस कॉलोनी के अन्तर्गत बिल्डर द्वारा अपने प्रोजेक्ट के प्रचार एवं प्रसार के लिए गैरकानूनी तरीके से यूपीसीडा के नाम का प्रयोग किया जा रहा है। मामला संज्ञान में आने पर यूपीसीडा की ओर से बिल्डर और कॉलोनाइजर को नोटिस जारी करते हुए सख्त हिदायद दी गई थी कि कॉलोनाइजर, बिल्डर एवं डिवेलपर अपने किसी भी निजी प्रोजेक्ट के लिए यूपीसीडा के नाम का प्रयोग न करें। इससे लोगों के बीच भ्रामक संदेश जाता है कि इस कॉलोनी एवं प्रोजेक्ट का निर्माण यूपीसीडा द्वारा किया जा रहा है। नोटिस में UPSIDC RM अनिल शर्मा ने पुराने पत्र को संलग्न करते हुए चेतावनी देते हुए लिखा कि अगर बिल्डर ने इस पर संज्ञा नहीं लिया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी ।

पहले पत्र के बाद इस्कॉन इंफ्रा रियाल्टर बिल्डर ने तिलपता पुलिस चौकी पर ही अपने प्रोजेक्ट का विज्ञापन लगा दिया। लोगों का कहना है कि पुलिस चौकी पर ऐसे इलीगल प्रोजेक्ट का विज्ञापन कैसे लग सकता है जिसका रेरा में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है जिसका मानचित्र किसी भी प्राधिकरण से अप्रूव नहीं है। आखिर पुलिस अवैध बस रही इस कॉलोनी के विज्ञापन की सहयोगी कैसे बन रही है। आने वाले दिनों में जब कोई प्राधिकरण इसको तोड़ने के लिए जाएगा तो यहां के लोग डूब क्षेत्र के फार्म हाउस और कॉलोनी अवैध कॉलोनीयों के लोगों की तरह बातें करेंगे कि जब यह कालोनियां बन रही थी तब प्राधिकरण के कर्मचारी और पुलिस कहां सो रही थी ।

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और अवैध निर्माणों को गिराने का दावा कर रही मुख्यमंत्री योगी सरकार को भी गौतम बुद्ध नगर में यह देखना पड़ेगा कि किस तरीके से यहां अवैध कॉलोनी का गोरख धंधा चल रहा है। जानकारी का कहना है कि गौतम बुद्ध नगर में पहले किसान नेताओं की आड़ में जमीनों को आबादी की जमीन और अधिकरण से लीजबैक के नाम पर वापस लिया जाता है और उसके बाद इन जमीनों पर भू माफिया अपनी कुदृष्टि जमा देते हैं।

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