Greater Noida News, ग्रेटर नोएडा में मंदिर की जमीन को लेकर बवाल, पुजारी और ग्रामीणों पर हमला, जब धार्मिक स्थल बना विवाद का अखाड़ा, इंटरनेट पर वायरल हुई मारपीट की वीडियो, पुलिस ने हमलावरों की तलाश में कसी कमर
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के नवादा गांव में स्थित एक मंदिर की पवित्र भूमि पर विवाद का ऐसा संग्राम छिड़ा कि मंगलवार दोपहर को पूरे गांव में हलचल मच गई। धार्मिक स्थल के संरक्षण के नाम पर दो पक्षों के बीच टकराव इतना बढ़ गया कि मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इस दौरान पुजारी और कुछ ग्रामीणों को बुरी तरह पीटा गया। लेकिन यह बवाल केवल गांव तक सीमित नहीं रहा। घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसमें मारपीट की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आईं।
मंदिर की जमीन पर कब्जे की कोशिश का आरोप, ग्रामीणों में भारी आक्रोश
इस घटना ने क्षेत्र के लोगों को सकते में डाल दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दबंग और पहलवान किस्म के लोग, जिनका मकसद मंदिर की जमीन पर कब्जा करना है, वे लगातार इस धार्मिक स्थल पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। जब पुजारी और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया, तो विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। मंदिर जैसी पवित्र जगह पर इस तरह की हरकत से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब धार्मिक स्थल सुरक्षित नहीं रह गए, तो इंसाफ की उम्मीद कहां की जाए?
50 से अधिक लोगों ने मिलकर की मारपीट, सीसीटीवी फुटेज ने खोली पोल
घटना की गूंज न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि सोशल मीडिया पर भी सुनाई दी। वायरल हुए वीडियो में 50 से ज्यादा लोगों का समूह दिखाई दे रहा है, जो पुजारी और ग्रामीणों पर बेरहमी से हमला कर रहा है। पूरे बवाल की तस्वीरें घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गईं, जो अब सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंच रही हैं। वीडियो ने पुलिस और प्रशासन को हरकत में ला दिया है।
पुलिस का आश्वासन, जल्द ही पकड़े जाएंगे हमलावर
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सूरजपुर कोतवाली में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही आरोपियों को पकड़कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में कानून व्यवस्था के प्रति सवाल खड़े करती हैं, और प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ाती हैं।
विवादों के बीच धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर से धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और उनके प्रशासनिक संरक्षण पर सवाल खड़ा करती है। जब धार्मिक स्थल खुद विवादों के केंद्र बन जाएं, तो आम नागरिकों का भरोसा हिलना स्वाभाविक है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक आस्था और संपत्ति के विवाद के बीच इंसानियत और कानून के मूल्यों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाते हैं और ग्रामीणों को न्याय कैसे मिलता है।