उत्तर प्रदेशक्राइमग्रेटर नोएडा

Greater Noida News: भूमाफियाओं का आतंक: सूरजपुर में पीड़ितों की संपत्ति पर कब्जा, पुलिस पर मिलीभगत के आरोप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी जी के आदेशों के बावजूद भूमाफिया और जैसे लोगों ने एक गैंग बनाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीड़ितों की संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश की। यह घटना सूरजपुर में स्थित किसान आबादी के प्लॉट संख्या D/5 पर हुई, जहां पुलिस की मौजूदगी में विवादित जमीन पर कब्जा कराया गया।

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। सूरजपुर में भूमाफियाओं का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से भूमाफिया पीड़ितों की संपत्ति पर कब्जा जमा रहे हैं, जिससे पीड़ित न्याय की गुहार लगाने को मजबूर हैं।

उच्च न्यायालय और मुख्यमंत्री के आदेशों की अनदेखी: माननीय उच्च न्यायालय के 14 मई 2024 के आदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी जी के आदेशों के बावजूद भूमाफिया जैसे लोगों ने एक गैंग बनाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीड़ितों की संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश की। यह घटना सूरजपुर में स्थित किसान आबादी के प्लॉट संख्या D/5 पर हुई, जहां पुलिस की मौजूदगी में विवादित जमीन पर कब्जा कराया गया।

पुलिस की मिलीभगत से भूमाफिया पीड़ितों की संपत्ति पर कब्जा जमा रहे हैं, जिससे पीड़ित न्याय की गुहार लगाने को मजबूर हैं।

स्थानीय पुलिस की मिलीभगत का आरोप: पीड़ितों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस थाना और चौकी सूरजपुर की मिलीभगत से भूमाफियाओं को यह कब्जा करने में मदद मिली। पीड़ितों के अनुसार, जब उन्होंने अपने निर्माण कार्य और संपत्ति की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई, तो पुलिस ने उन्हें मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी। यह घटना पुलिस की निष्पक्षता और न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

न्याय की गुहार: पीड़ित न्याय की गुहार लगाते हुए उच्च अधिकारियों और सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनकी संपत्ति को भूमाफियाओं से मुक्त कराया जाए और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यदि उच्च न्यायालय और मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन नहीं किया जाएगा, तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा।

पुलिस की मिलीभगत से भूमाफिया पीड़ितों की संपत्ति पर कब्जा जमा रहे हैं, जिससे पीड़ित न्याय की गुहार लगाने को मजबूर हैं।

संपत्ति विवाद और भूमाफियाओं का आतंक: यह घटना न केवल पीड़ितों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है। भूमाफियाओं का आतंक और पुलिस की मिलीभगत का मामला क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। अगर इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो अन्य पीड़ितों का भी हौसला टूट सकता है।

सरकार और पुलिस प्रशासन से उम्मीद: अब देखना यह है कि उच्च अधिकारियों और सरकार की ओर से इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं। क्या पीड़ितों को न्याय मिलेगा और क्या भूमाफियाओं और पुलिस की मिलीभगत को समाप्त किया जाएगा? यह सवाल आम जनता के मन में है और इसका उत्तर समय ही दे पाएगा।

रफ़्तार टुडे की पुरानी खबर

Related Articles

Back to top button