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Greater Noida News: स्कूलों में एडमिशन को लेकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, BSA ने दिया ‘विस्फोटक’ बयान!

ग्रेटर नोएडा में RTE कानून का उल्लंघन एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हालांकि, BSA और डीएम की ओर से उठाए गए कदम उम्मीद की किरण दिखाते हैं। अब देखना होगा कि क्या ये कदम प्रभावी साबित होते हैं और छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो पाता है या नहीं। इस मामले में लगातार निगरानी और सख्त कार्रवाई की जरूरत है ताकि सभी बच्चों को उनके अधिकार के अनुसार शिक्षा मिल सके और उनका भविष्य उज्ज्वल हो।

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे: ग्रेटर नोएडा में बाल शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून को लेकर बड़ी समस्या सामने आई है। कई प्रमुख स्कूल RTE के तहत छात्रों का एडमिशन नहीं कर रहे हैं, जिससे छात्रों के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है। इस स्थिति से चिंतित अभिभावक स्कूल और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के ऑफिस के लगातार चक्कर लगाने को मजबूर हो गए हैं।

BSA ने जारी किए नोटिस

बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) राहुल पंवार ने जानकारी दी कि RTE के तहत चार लॉटरी के माध्यम से लगभग 5 हजार छात्रों को स्कूलों में सीटें अलॉट की गई हैं। ज्यादातर स्कूलों ने इन छात्रों का प्रवेश कर लिया है, लेकिन कुछ स्कूलों ने अभी भी एडमिशन नहीं किया है। इन स्कूलों को BSA और डीएम की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं।

BSA राहुल पंवार का फाइल फोटो

क्या है समस्या?

आरटीई कानून के तहत गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का अधिकार है। हालांकि, कई बड़े स्कूल इस कानून का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे छात्रों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। कई अभिभावक अपने बच्चों के एडमिशन के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है।

BSA का ‘विस्फोटक’ बयान

BSA राहुल पंवार ने बताया कि ज्यादातर स्कूलों ने RTE के तहत छात्रों का प्रवेश कर लिया है, लेकिन कुछ स्कूलों में अभी भी एडमिशन को लेकर दिक्कतें हैं। उन्होंने कहा, “कुछ स्कूलों की शिकायतें आई हैं, जहां एडमिशन नहीं हुए हैं। उन स्कूलों के खिलाफ हमारी ओर से और डीएम साहब की ओर से नोटिस भेजे गए हैं। ज्यादातर एडमिशन हो गए हैं और बाकी समस्याओं का भी जल्द ही समाधान निकाला जा रहा है।”

ग्रेटर नोएडा में बाल शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून को लेकर बड़ी समस्या सामने आई है।

क्या होगा अगला कदम?

अब देखना यह है कि इन मनमानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं। BSA और डीएम के नोटिस के बाद भी अगर स्कूल एडमिशन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। अभिभावक उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार और प्रशासन उनके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सख्त कदम उठाएंगे।

ग्रेटर नोएडा में RTE कानून का उल्लंघन एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हालांकि, BSA और डीएम की ओर से उठाए गए कदम उम्मीद की किरण दिखाते हैं। अब देखना होगा कि क्या ये कदम प्रभावी साबित होते हैं और छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो पाता है या नहीं। इस मामले में लगातार निगरानी और सख्त कार्रवाई की जरूरत है ताकि सभी बच्चों को उनके अधिकार के अनुसार शिक्षा मिल सके और उनका भविष्य उज्ज्वल हो।

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