Greater Noida News ग्रेटर नोएडा की 700 एकड़ जमीन से चीन-ताइवान को मिलेगी चुनौती, क्या है प्लान जाने
@gauravsharma030
ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। यमुना अथॉरिटी के अलग-अलग सेक्टर्स में लेदर पार्क, प्लास्टिक पार्क, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट पार्क, इलेक्ट्रिकल पार्क, ट्रांसपोर्ट पार्क, अपैरल, एमएसएमई, हैंडीक्राफ्ट, टॉय सिटी पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क समेत सेमीकंडक्टर कलस्टर बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। खास बात यह है कि जरूरत के मुताबिक ज्यादातर कलस्टर को फ्लैटेड फैक्ट्री सिस्टम पर बनाने का प्लान है।
फ्लैटेड फैक्ट्री का कॅन्सेप्ट विदेशी है। इसके तहत फ्लैटनुमा बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाता है। इमारत के हर फ्लोर पर काम के हिसाब से स्ट्राक्चर तैयार किया जाता है।
जल्द ही चीन ताइवान को चुनौती मिलने वाली है। यह चुनौती कोई और नहीं यूपी सरकार ग्रेटर नोएडा की 700 एकड़ जमीन से देगी। सरकार के इस कदम से कोरोना-लॉकडाउन के चलते सेमीकंडक्टर की परेशानी उठाने वाली इंडस्ट्रियों को राहत मिलेगी।
यूपी कैबिनेट ने ग्रेटर नोएडा की 700 एकड़ जमीन पर सेमीकंडक्टर कलस्टर लगाने की मंजूरी दे दी है।
कलस्टर के लिए यमुना अथॉरिटी अपने सेक्टर में जमीन देगी। इसके अलावा 10 और कलस्टर पर भी अथॉरिटी काम कर रही है। इसके साथ ही कलस्टर में फ्लैटेड फैक्ट्री सिस्टम पर भी यमुना अथॉरिट काम कर रही है।
गौरतलब रहे अभी तक देश में कार, मोबाइल फोन और लैपटॉप के लिए सेमीकंडक्टर चीन और ताइवान से मंगाने पड़ते हैं। लेकिन कोरोना-लॉकडाउन के चलते चीन और ताइवान से सेमीकंडक्टर मंगाने में बड़ी परेशानी सामने आ रही थी। इसी परेशानी को दूर करने के लिए यूपी सरकार ने एक योजना तैयार की है।
योजना के मुताबिक यमुना अथॉरिटी 1000 एकड़ जमीन देगी। इस जमीन में से 700 एकड़ पर सेमीकंडक्टर और 300 एकड़ पर इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर विकसित किया जाएगा। अथॉरिटी यह जमीन सेक्टर-10 में देगी।
देश में अभी तक सेमीकंडक्टर चीन-ताइवान से आयात कर असेंबल किए जाते हैं। इसका इस्तेमाल कार, मोबाइल और लैपटॉप में किया जाता है में सेमिकंडक्टर चिप किसी भी मशीनरी को कंट्रोल करने के लिए लगाई जाती है। कोराना काल में सेमीकंडेक्टर की कमी का असर वाहन और मोबाइल उत्पादन पर साफ दिखा था। बाजार में मांग होने के बावजूद कंपनियां उत्पादन नहीं कर पा रही थीं।
5 कलस्टर तैयार हैं और 5 पर चल रहा है काम
यमुना अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो अथॉरिटी अपने दूसरे सेक्टर्स में और कलस्टर बनाने की तैयारी कर रही है। 5 कलस्टर ऐसे हैं जिन पर आधे से ज्यादा काम हो चुका है. वहीं 5 अन्य पर काम शुरू किया जा रहा है। लेदर पार्क, प्लास्टिक पार्क, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट पार्क, इलेक्ट्रिकल पार्क, ट्रांसपोर्ट पार्क कलस्टर बनाने की चल रही है तैयारी। अभी इसकी योजना पर काम हो रहा है। जबकि अपैरल, एमएसएमई, हैंडीक्राफ्ट, टॉय सिटी पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क कलस्टर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। जमीन का आवंटन भी हो चुका