Greater Noida News : दहेज एक अभिशाप है: चैनपाल प्रधान ने गुर्जर समाज को दिया सशक्त संदेश
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। गौतम बुद्ध नगर के पथिक शोध संस्थान में आयोजित गुर्जर आर्ट एंड कल्चर परिचर्चा के दौरान समाजसेवी चैनपाल प्रधान ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक सशक्त संदेश दिया। उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि जैसे उन्होंने अपने बेटे की शादी मात्र 21 बारातियों के साथ संपन्न की, समाज के अन्य लोग भी ऐसे उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं। इस तरह की पहल से न केवल फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी, बल्कि दहेज प्रथा जैसी बुराई का भी अंत हो सकेगा।
परिचर्चा में गुर्जर समाज के सैकड़ों बुद्धिजीवियों ने समाज के उत्थान और सुधार के लिए अपने विचार रखे। चैनपाल प्रधान ने इस बात पर जोर दिया कि दहेज की व्यवस्था कभी दुल्हन की सुरक्षा के लिए की गई थी, लेकिन समय के साथ इसका अर्थ बदल गया और लोगों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इसका दुरुपयोग शुरू कर दिया। उन्होंने अपील की कि समाज के सभी वर्ग मिलकर इस घृणित सामाजिक प्रथा को समाप्त करें और अपनी बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एकजुट होकर प्रयास करें।
चैनपाल प्रधान ने कहा, “आज जरूरत है कि हम अपने समाज में बदलाव लाएं और दहेज जैसी कुरीति को जड़ से समाप्त करें। यदि हम फिजूलखर्ची और दहेज प्रथा पर रोक लगाएं, तो हमारी बेटियों को एक सुरक्षित और सम्मानित जीवन जीने का अवसर मिलेगा।”
इस परिचर्चा में उपस्थित बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों ने दहेज प्रथा के खिलाफ एकजुट होकर समाज को सुधारने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में इस विचारधारा को समर्थन मिला कि समाज के सभी वर्गों को दहेज विरोधी संदेश फैलाना चाहिए और अपने घरों में इसे अपनाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इस बुराई का सामना न करना पड़े।
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