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Greater Noida To Faridabad: ग्रेटर नोएडा से फरीदाबाद पहुंचना जल्द होगा आसान, यमुना नदी पर 315 करोड़ की लागत से तैयार हुआ पुल

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। Greater Noida Faridabad Bridge गौतमबुद्ध नगर और फरीदाबाद के बीच की दूरी कम करने के लिए पुल बनकर लगभग तैयार हो चुका है लेकिन पुल पर आवाजाही के लिए बनने वाली एप्रोच रोड का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

गौतमबुद्ध नगर और फरीदाबाद के बीच की दूरी कम करने के लिए पुल बनकर लगभग तैयार हो चुका है, लेकिन पुल पर आवाजाही के लिए बनने वाली एप्रोच रोड का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव पिछले करीब चार साल से शासन में अटका है।

शासन ने अब इस पर तेजी दिखाते हुए जमीन अधिग्रहण को धनराशि जारी करने के लिए लोक निर्माण विभाग से जानकारी मांगी है। शासन से धनराशि मिलते ही जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा। गौतमबुद्ध नगर व फरीदाबाद के बीच आवाजाही के लिए कालिंदी कुंज, दिल्ली होते हुए दोनों शहरों के बीच आवाजाही के अलावा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का विकल्प हैं। दोनों रास्ते लंबे होने कारण समय अधिक लगता है। पुल 9 साल बाद हुआ तैयार

गौतमबुद्ध नगर और फरीदाबाद के बीच की दूरी कम कम करने के लिए गौतमबुद्ध नगर के अट्टा गुजरान और फरीदाबाद के मंझावली के बीच यमुना नदी पर पुल बनाने की योजना तैयार की गई थी। 2014 में इस पुल का शिलान्यास हुआ। तकरीबन नौ साल के लंबे वक्त के बाद अब यह पुल बनकर तैयार हो चुका है। हरियाणा की ओर एप्रोच रोड का निर्माण भी शुरू हो चुका है।

यमुना नदी पर 315 करोड़ रुपये की लागत से 630 मीटर लंबा पुल तैयार किया गया है। इस पुल को हरियाणा सरकार ने बनवाया है। यमुना नदी के दोनों और हरियाणा की जमीन है। पुल की एप्रोच रोड के लिए भी हरियाणा का लोक निर्माण विभाग जमीन अधिगृहीत कर चुका है।

यमुना नदी के इस पार (गौतमबुद्ध नगर से सटी) हरियाणा की जमीन है। पुल की एप्रोच रोड का करीब आधा किमी हिस्सा हरियाणा की सीमा में है। हरियाणा का लोक निर्माण विभाग इस जमीन को अधिगृहीत कर है। गौतमबुद्ध नगर की सीमा में करीब 17 सौ मीटर लंबी सड़क बनेगी, यह सड़क, हरियाणा की सीमा में बन रही सड़क से जुड़ेगी, लेकिन गौतमबुद्ध नगर में पड़ने वाले हिस्से में जमीन का अधिग्रहण प्रस्ताव अभी शासन में अटका हुआ है।

2019 में लोक निर्माण विभाग की ओर से यह प्रस्ताव भेजकर जमीन अधिग्रहण के लिए राशि जारी करने का अनुरोध किया गया था। पुल तैयार होने और हरियाणा में एप्रोच रोड का काम तेजी पकड़ने के बाद शासन की सुस्ती भी दूर हुई है। लोक निर्माण विभाग को जमीन अधिग्रहण के लिए आवश्यक राशि का आंकलन कर रिपोर्ट मांगी गई है।

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