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Greater Noida & Yamuna Floodplain News : डूब क्षेत्र की रजिस्ट्री शुरू करने के समर्थन में, अधिवक्ताओं का उग्र प्रदर्शन, न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रशासन की उदासीनता पर जताई नाराजगी, कलमबंद हड़ताल की दी चेतावनी

कलेक्ट बार के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अतुल शर्मा ने कहा की क्षेत्र में अवैध निर्माण के चलते प्रशासन ने लगभग चार साल पहले एक कमेटी गठित की थी, जिसके निर्देशानुसार रजिस्ट्री के लिए संबंधित प्राधिकरण की एनओसी और कमेटी की अनुमति अनिवार्य कर दी गई थी। परंतु, इन प्रक्रियाओं में देरी और एनओसी न मिलने के कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया ठप हो गई थी।

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। गौतमबुद्ध नगर के अधिवक्ता डूब क्षेत्र की रजिस्ट्री शुरू करने के मुद्दे पर एकजुट होकर जिला प्रशासन के खिलाफ खड़े हो गए हैं। प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद अधिवक्ताओं ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू न होने पर गहरी असंतुष्टि व्यक्त की। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि शुक्रवार तक रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो वे कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे।

चार साल से बंद पड़ी रजिस्ट्री: अवैध निर्माण बना बाधक

जनपद दीवानी एवम फौजदारी के अध्यक्ष एडवोकेट उमेश भाटी ने कहा कि क्षेत्र की रजिस्ट्री पिछले चार वर्षों से अवरुद्ध है। जिला प्रशासन ने डूब क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण का हवाला देते हुए इस पर रोक लगा दी थी। यह मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित था, लेकिन लगभग एक सप्ताह पूर्व न्यायालय ने सुनवाई के बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया को पुनः शुरू करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके, प्रशासन ने रजिस्ट्री शुरू नहीं की, जिससे अधिवक्ताओं में रोष फैल गया है।

अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन और चेतावनी

मंगलवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ अधिवक्ताओं की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें एडीएम अतुल कुमार और विभिन्न बार के अध्यक्ष शामिल थे। अधिवक्ताओं ने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने का आरोप लगाया और इसे गंभीरता से लिया। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया, तो वे व्यापक स्तर पर कलमबंद हड़ताल करेंगे।

अवैध निर्माण पर रोक: प्रशासनिक सख्ती और न्यायालय का हस्तक्षेप

कलेक्ट बार के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अतुल शर्मा ने कहा की क्षेत्र में अवैध निर्माण के चलते प्रशासन ने लगभग चार साल पहले एक कमेटी गठित की थी, जिसके निर्देशानुसार रजिस्ट्री के लिए संबंधित प्राधिकरण की एनओसी और कमेटी की अनुमति अनिवार्य कर दी गई थी। परंतु, इन प्रक्रियाओं में देरी और एनओसी न मिलने के कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया ठप हो गई थी।

अधिवक्ताओं का कहना है कि अब जबकि उच्च न्यायालय ने रजिस्ट्री शुरू करने का आदेश दे दिया है, तो प्रशासन का इस पर अमल न करना न्यायिक आदेशों का अनादर है।

अधिवक्ताओं की हड़ताल की आशंका: न्यायिक प्रक्रिया पर गहरा असर

पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल भाटी ने कहा की अधिवक्ताओं ने अपनी चेतावनी के अनुसार हड़ताल की, तो इससे जिला न्यायालय की कार्यवाहियों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। इस स्थिति में प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालना आवश्यक होगा।


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