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नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने कालकाजी मंदिर के आसपास दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण, स्वच्छता और पेयजल सुविधाओं के साथ-साथ आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए दिल्ली अग्निशमन विभाग द्वारा किए जाने वाले निरीक्षण के संबंध में कई निर्देश जारी किए। इसमें पुलिस सुरक्षा, भक्तों को दर्शनों की सुविधा, साफ-सफाई व पीने के पानी की व्यवस्था प्रमुख है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी को यह भी निर्देश जारी किया कि वह सुनिश्चित करें कि मंदिर में पर्याप्त कर्मी तैनात हैं ताकि मंदिर में भक्तों को उचित प्रवेश और निकास मिले। साथ ही सुनिश्चित करें कि कोई अप्रिय घटना न हो।
अदालत ने मंदिर में तैनात कुछ पुलिस कांस्टेबलों द्वारा दर्शन के लिए आए भक्तों के साथ दुर्व्यवहार वाले वीडियो को देखने के बाद यह निर्देश दिया। अदालत ने कहा मंदिर में लगातार एक ही पुलिसकर्मी की ड्यूटी न रहे और उन्हें बार-बार बदला जाए।
अदालत की ओर से नियुक्त प्रशासक सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जेआर मिधा ने अंतरिम रिपोर्ट को 26 अक्तूबर 2021 को एक सीलबंद रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने कहा प्रशासक को दिल्ली पुलिस और एसडीएमसी के सहयोग से दो सप्ताह के भीतर कालकाजी मंदिर परिसर के भीतर सभी अतिक्रमणों को हटाने के लिए कार्रवाई करने की अनुमति है।
अगर मंदिर परिसर में कोई भी दुकानदार और अवैध निवासी वैकल्पिक आवास लेने का हकदार है, तो डीयूएसआईबी उनके अनुरोध पर विचार कर सकता है और मानवीय आधार पर वैकल्पिक परिसर प्रदान कर सकता है। इन मामलों में पारित सभी निर्देशों को भी डीडीए द्वारा लागू किया जाएगा।
इसके अलावा बारीदारों के सहयोग से मंदिर परिसर में दिल्ली सरकार के किसी भी नजदीकी अस्पताल/औषधालयों से कम से कम दो पैरामेडिक्स और एक डॉक्टर को तैनात किया जा सकता है। एसडीएमसी के संबंधित अधिकारी, यानी स्वच्छता निरीक्षक या कोई अन्य जिम्मेदार अधिकारी, शौचालय परिसरों की सफाई और स्वच्छता के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए अगले 15 दिनों के लिए दिन में कम से कम दो बार शौचालय परिसरों का निरीक्षण करेंगे।
अदालत ने दिल्ली जल बोर्ड को मंदिर में भक्तों को पीने के पानी की निर्बाध आपूर्ति के लिए एक अस्थायी पाइप लाइन बिछाने के लिए और साथ ही शौचालय परिसर में पानी की आपूर्ति के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए कालकाजी मंदिर में एक टीम भेजने का निर्देश दिया है। इसके अलावा प्रशासक को दिल्ली उच्च न्यायालय में कालकाजी मंदिर पुनर्विकास कोष नामक एक अलग खाता खोलने की अनुमति दी है।
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने कालकाजी मंदिर के आसपास दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण, स्वच्छता और पेयजल सुविधाओं के साथ-साथ आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए दिल्ली अग्निशमन विभाग द्वारा किए जाने वाले निरीक्षण के संबंध में कई निर्देश जारी किए। इसमें पुलिस सुरक्षा, भक्तों को दर्शनों की सुविधा, साफ-सफाई व पीने के पानी की व्यवस्था प्रमुख है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी को यह भी निर्देश जारी किया कि वह सुनिश्चित करें कि मंदिर में पर्याप्त कर्मी तैनात हैं ताकि मंदिर में भक्तों को उचित प्रवेश और निकास मिले। साथ ही सुनिश्चित करें कि कोई अप्रिय घटना न हो।
अदालत ने मंदिर में तैनात कुछ पुलिस कांस्टेबलों द्वारा दर्शन के लिए आए भक्तों के साथ दुर्व्यवहार वाले वीडियो को देखने के बाद यह निर्देश दिया। अदालत ने कहा मंदिर में लगातार एक ही पुलिसकर्मी की ड्यूटी न रहे और उन्हें बार-बार बदला जाए।
अदालत की ओर से नियुक्त प्रशासक सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जेआर मिधा ने अंतरिम रिपोर्ट को 26 अक्तूबर 2021 को एक सीलबंद रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने कहा प्रशासक को दिल्ली पुलिस और एसडीएमसी के सहयोग से दो सप्ताह के भीतर कालकाजी मंदिर परिसर के भीतर सभी अतिक्रमणों को हटाने के लिए कार्रवाई करने की अनुमति है।
अगर मंदिर परिसर में कोई भी दुकानदार और अवैध निवासी वैकल्पिक आवास लेने का हकदार है, तो डीयूएसआईबी उनके अनुरोध पर विचार कर सकता है और मानवीय आधार पर वैकल्पिक परिसर प्रदान कर सकता है। इन मामलों में पारित सभी निर्देशों को भी डीडीए द्वारा लागू किया जाएगा।
इसके अलावा बारीदारों के सहयोग से मंदिर परिसर में दिल्ली सरकार के किसी भी नजदीकी अस्पताल/औषधालयों से कम से कम दो पैरामेडिक्स और एक डॉक्टर को तैनात किया जा सकता है। एसडीएमसी के संबंधित अधिकारी, यानी स्वच्छता निरीक्षक या कोई अन्य जिम्मेदार अधिकारी, शौचालय परिसरों की सफाई और स्वच्छता के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए अगले 15 दिनों के लिए दिन में कम से कम दो बार शौचालय परिसरों का निरीक्षण करेंगे।
अदालत ने दिल्ली जल बोर्ड को मंदिर में भक्तों को पीने के पानी की निर्बाध आपूर्ति के लिए एक अस्थायी पाइप लाइन बिछाने के लिए और साथ ही शौचालय परिसर में पानी की आपूर्ति के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए कालकाजी मंदिर में एक टीम भेजने का निर्देश दिया है। इसके अलावा प्रशासक को दिल्ली उच्च न्यायालय में कालकाजी मंदिर पुनर्विकास कोष नामक एक अलग खाता खोलने की अनुमति दी है।