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High Court Said That Society Is Losing Faith In The System Due To Crime – हाईकोर्ट ने कहा अपराध के कारण व्यवस्था पर विश्वास खो रहा समाज

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नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने कहा कि समाज अपराध के कारण व्यवस्था पर विश्वास खो रहा है जिस पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी। अदालत ने लूटपाट व हत्या के दोषियों की अपील खारिज करते हुए उक्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा लोगों के लिए एक अच्छा, सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के लिए सुरक्षा सर्वोपरि है। अगर अपराध के चलते एक युवा की मौत हो जाती है तो यह राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने इस मामले के दोषियों की अपील खारिज करते हुए कहा दोनों दोषियों के कारण 25 वर्षीय फैक्टरी कर्मी को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा। दोनों ने उससे मोबाइल फोन लूटने के दौरान हत्या कर दी थी।
पीठ ने कहा वर्तमान एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण मामला है जहां एक युवा लड़के ने जो कड़ी मेहनत कर रहा था, उसने दुर्भाग्य से अपराधियों के कारण अपनी जान गंवा दी। लोगों की सुरक्षा और संरक्षा उनके लिए एक अच्छा, गरिमामय जीवन व्यतीत करने के लिए स्वयंसिद्ध रूप से सर्वोपरि है। अपराध के कारण समाज व्यवस्था में विश्वास खोता जा रहा है। ऐसे अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
पेश मामले में जुलाई 2012 में एक रात जब चप्पल की फैक्टरी में काम करने वाले गवाह और मृतक काम से लौट रहे थे, तभी दोषियों ने मोटरसाइकिल पर उनका पीछा किया व गवाह की जेब की जबरन तलाशी ली। बाद में उन्होंने पीड़ित का मोबाइल फोन छीन लिया विरोध करने पर चाकू से हमला कर दिया।
अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में पेेश साक्ष्यों से स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष उनका अपराध बिना शक के साबित करने में सफल रहा है। उनकी नजर में निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।

नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने कहा कि समाज अपराध के कारण व्यवस्था पर विश्वास खो रहा है जिस पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी। अदालत ने लूटपाट व हत्या के दोषियों की अपील खारिज करते हुए उक्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा लोगों के लिए एक अच्छा, सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के लिए सुरक्षा सर्वोपरि है। अगर अपराध के चलते एक युवा की मौत हो जाती है तो यह राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने इस मामले के दोषियों की अपील खारिज करते हुए कहा दोनों दोषियों के कारण 25 वर्षीय फैक्टरी कर्मी को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा। दोनों ने उससे मोबाइल फोन लूटने के दौरान हत्या कर दी थी।

पीठ ने कहा वर्तमान एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण मामला है जहां एक युवा लड़के ने जो कड़ी मेहनत कर रहा था, उसने दुर्भाग्य से अपराधियों के कारण अपनी जान गंवा दी। लोगों की सुरक्षा और संरक्षा उनके लिए एक अच्छा, गरिमामय जीवन व्यतीत करने के लिए स्वयंसिद्ध रूप से सर्वोपरि है। अपराध के कारण समाज व्यवस्था में विश्वास खोता जा रहा है। ऐसे अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।

पेश मामले में जुलाई 2012 में एक रात जब चप्पल की फैक्टरी में काम करने वाले गवाह और मृतक काम से लौट रहे थे, तभी दोषियों ने मोटरसाइकिल पर उनका पीछा किया व गवाह की जेब की जबरन तलाशी ली। बाद में उन्होंने पीड़ित का मोबाइल फोन छीन लिया विरोध करने पर चाकू से हमला कर दिया।

अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में पेेश साक्ष्यों से स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष उनका अपराध बिना शक के साबित करने में सफल रहा है। उनकी नजर में निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।

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