एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 21 Dec 2021 12:48 AM IST
सार
संस्थान ने इस किट के विकास तथा व्यवसायीकरण के लिए ‘इन विट्रो डायग्नोस्टिक्स’ (आईवीडी) किट निर्माताओं से अभिरुचि पत्र आमंत्रित किया है। यह नई तकनीक पर आधारित एक आरटी-पीसीआर किट है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस किट के माध्यम से बिना जीनोम सिक्वेंसिंग के भी संक्रमण की पहचान की जा सकेगी।
आईसीएमआर
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विस्तार
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए एक विशेष किट तैयार की है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस किट के माध्यम से ओमिक्रॉन संक्रमितों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
संस्थान ने इस किट के विकास तथा व्यवसायीकरण के लिए ‘इन विट्रो डायग्नोस्टिक्स’ (आईवीडी) किट निर्माताओं से अभिरुचि पत्र आमंत्रित किया है। यह नई तकनीक पर आधारित एक आरटी-पीसीआर किट है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस किट के माध्यम से बिना जीनोम सिक्वेंसिंग के भी संक्रमण की पहचान की जा सकेगी।
फिलहाल ओमिक्रॉन की पहचान के लिए सैंपल का जीनोम सिक्वेंसिंग कराया जाता है। यह तकनीक अपेक्षाकृत अधिक समय लेती है, ऐसे में इस किट के आने के बाद नए वैरिएंट के संक्रमितों का पता लगाना आसान हो जाएगा।
आईसीएमआर-क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, डिब्रूगढ़ ने सार्स-सीओवी2 के नए स्वरूप ओमिक्रॉन (बी.1.1.529) के लिए इस परीक्षण किट को तैयार किया है। यह केंद्र आईसीएमआर, नई दिल्ली के संस्थानों में से एक है। अभिरुचि पत्र (ईओआई) में कहा गया, इस तकनीक का व्यावसायिक इस्तेमाल और बौद्धिक संपदा का अधिकार आईसीएमआर के पास है। किट के वितरण और खरीद का स्वामित्व केवल आईसीएमआर के पास है।
इसके साथ ही आईसीएमआर कानूनी रूप से उपयुक्त समझौते के जरिये प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित चयनित निर्माताओं के साथ कोई भी समझौता करने का हकदार है।