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CM Yogi Buldozer News on Bhumafia : योगी आदित्यनाथ के भूमि पूजन स्थल पर अवैध निर्माण का कब्जा, नेताजी की सिफारिशें बनीं अधिकारीयों की बड़ी चुनौती, मुख्यमंत्री के आगमन से पहले प्राधिकरण पर दबाव, प्राधिकरण चुप

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही ग्रेटर नोएडा में एक बड़े सोलर प्रोजेक्ट का भूमि पूजन करेंगे। यह प्रोजेक्ट राज्य के औद्योगिक और पर्यावरणीय विकास की दिशा में एक अहम कदम है। लेकिन जिस जगह यह शिलान्यास होना है, वहां अवैध निर्माण और राजनीतिक सिफारिशों ने प्राधिकरण को भारी मुश्किल में डाल दिया है।


अवैध निर्माण का बढ़ता जाल

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ईकोटेक-16 में स्थित जमीन पर 50 एकड़ भूमि ग्रीन एनर्जी कंपनी अवाडा ग्रुप को आवंटित की गई है। यहां कंपनी 5 गीगावॉट क्षमता का सोलर कारखाना स्थापित करने जा रही है। लेकिन जिस भूमि पर यह कारखाना बनना है, वहां अवैध कॉलोनियों और विला का निर्माण जोरों पर है।

सूत्रों के अनुसार, इन निर्माणों में स्थानीय नेताओं का सीधा समर्थन है। कई नेता प्राधिकरण के अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं ताकि अवैध निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए।


मुख्यमंत्री के आगमन से पहले प्राधिकरण पर दबाव

इस भूमि का महत्व तब और बढ़ गया जब अवाडा ग्रुप के अध्यक्ष विनीत मित्तल ने बीते दिसंबर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस परियोजना के भूमि पूजन का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे की सूचना के बाद ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने अवैध निर्माण हटाने और भूमि खाली करवाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

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अवाडा ग्रुप के सीईओ विनीत मित्तल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ

लेकिन यह इतना आसान नहीं है। दिल्ली और लखनऊ तक मजबूत राजनीतिक पकड़ रखने वाले लोग अवैध निर्माणकर्ताओं के समर्थन में आ गए हैं। ऐसे में प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।


सड़क निर्माण तक रुका हुआ

सेक्टर ईकोटेक-16 में सुनपुरा और खेड़ी गांवों के बीच चकरोड़ मार्ग पर सड़क बनाने की योजना है। लेकिन अवैध कब्जों के कारण यह काम भी रुका हुआ है। अवैध निर्माणकर्ताओं को जानकारी है कि प्राधिकरण जल्द ही कार्रवाई कर सकता है। इसलिए वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्राधिकरण पर दबाव बना रहे हैं।


अन्य क्षेत्रों में भी अवैध निर्माण का बोलबाला

अवैध निर्माण सिर्फ सेक्टर ईकोटेक-16 तक सीमित नहीं है। जीटी रोड और दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के बीच के क्षेत्रों, जैसे:

आमका, डेरी स्कनर धूम मानिकपुर, सादौपुर, कैलाशपुर, श्यौराजपुर

यहां भी अवैध कॉलोनियों का निर्माण तेजी से हो रहा है। ग्रेटर नोएडा फेस-2 और दादरी बाइपास के आसपास भी यही स्थिति है।

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प्रश्न खड़े करती स्थिति

ग्रेटर नोएडा जैसे तेजी से विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्र में जमीन की आसमान छूती कीमतों ने राजनीतिक और सामाजिक दबाव को और बढ़ा दिया है। सवाल यह है कि:

  1. क्या प्राधिकरण अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर पाएगा?
  2. क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में यह मुद्दा उठेगा?
  3. क्या प्राधिकरण इस चुनौती से निपटने के लिए नई रणनीति अपनाएगा?

ग्रीन एनर्जी परियोजना का महत्व

उत्तर प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे न सिर्फ ऊर्जा उत्पादन में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। अवाडा ग्रुप का यह सोलर प्रोजेक्ट पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।


नेताओं की भूमिका और सिफारिशें

सूत्रों के मुताबिक, कुछ स्थानीय नेता अवैध निर्माणकर्ताओं के समर्थन में प्राधिकरण के अधिकारियों से सिफारिशें कर रहे हैं। यह स्थिति प्राधिकरण के लिए चुनौतीपूर्ण बन गई है क्योंकि अधिकारी कार्रवाई करने में झिझक रहे हैं।


निष्कर्ष

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने से पहले यह देखना होगा कि प्राधिकरण इस अवैध निर्माण के मुद्दे से कैसे निपटता है। साथ ही, यह भी जरूरी है कि इस सोलर परियोजना को बिना किसी रुकावट के समय पर शुरू किया जाए।


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