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अवैध होर्डिंग बोर्ड, एलइडी स्क्रीन और दोनों साइड एडवरटाइजिंग लगाने के लिए लाखों रुपए महीने उगाई? जांच हो प्राधिकरण से कौन-कौन इसमें सम्मिलित है

नोएडा, ग्रेटर नोएडा रफ्तार टुडे। शहर में अवैध होर्डिंग बोर्ड (Hoarding board) और एलइडी स्क्रीन्स (LED Screen) की भरमार है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जगह-जगह आपको अवैध होल्डिंग बोर्ड और एलइडी स्क्रीन्स लगी दिखाई देंगे। आखिरकार इन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है, क्यों इन्हें हटाया नहीं जाता है किन अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है और कहा जाता है कि इनकी आड़ में प्राधिकरण (Authority) के अधिकारी लाखों रूपए महीना अवैध उगाई कर रहे है। इससे लिये इनपर कोई करावाही नहीं होती है। इन अवैध हार्डिंग बोर्ड लगाने वालों के खिलाफ FIR क्यों नहीं की जाती?

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अवैध होर्डिंग की भरमार

सबसे ज्यादा अवैध होर्डिंग ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) में लगाए जा रहे हैं। चाहे हिंडन नदी के किनारे हो, गौड़ सिटी के आसपास के एरिया में या मेन रोड पर हर जगह आपको अवैध होर्डिंग दिख जाएंगे। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह अवैध होर्डिंग लगाए जाते हैं। जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) की टीम अवैध होर्डिंग को हटाने के लिए पहुंचती है तो अवैध होर्डिंग लगाने वालों को पहले ही इन्फॉर्म कर दिया जाता है। जिससे कि यह लोग बच जाते हैं। अधिकारी और अवैध होर्डिंग बोर्ड लगाने वालों का गठजोड़ कायम रहता है। और अधिकारियों की अवैध उगाई चलती रहती है।

होर्डिंग बोर्ड पर दोनों साइड नहीं लगा सकते हैं विज्ञापन

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एडवरटाइजिंग पॉलिसी के अनुसार होर्डिंग बोर्ड पर दोनों साइड (Both Side) विज्ञापन नहीं लगाया जा सकता है। जितना एरिया प्राधिकरण ने एडवर्टाइजमेंट लगाने के लिए दिया है। सिर्फ उसी एरिया पर एडवर्टाइजमेंट (Advertisment) लगाया जा सकता है। लेकिन ग्रेटर नोएडा में इस नियम का उल्लंघन भी खुलेआम आपको दिख जाएगा। कुछ जगहों पर होर्डिंग बोर्ड पर दोनों साइड विज्ञापन लगाए गए हैं और इन पर कुछ भी कार्यवाही नहीं की जा रही है क्यों प्राधिकरण इन पर कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठा रहा है? इसका अंदाजा आप सहज ही लगा सकते हो कि क्यों इन्हे हटाया और इनपर fir नहीं की जा रहा है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में किस की परमिशन से लगाई हुई है बिल्डरों ने एलइडी स्क्रीन?

ग्रेटर नोएडा वेस्ट (GREATER NOIDA WEST) में कई जगह बड़ी बड़ी एलइडी स्क्रीन्स (LED SCREEN) रोड साइड में बिल्डरों ने लगाई हुई है जिनसे रोड पर चलने वाले ट्रैफिक का ध्यान भंग (distraction) होता है और रोड एक्सीडेंट्स का खतरा बना रहता है बिल्डर द्वारा यह एलइडी स्क्रीन्स किस की परमिशन से लगाई गई है क्या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इन्हें एडवरटाइजिंग (ADVERTISING) एलइडी स्क्रीन लगाने की परमिशन दी है?

गौर सिटी गोल चक्कर (GAUR CITY CHOWK), एक मूर्ति गोल चक्कर और हनुमान मंदिर गोल चक्कर आदि के पास में यह एलईडी लाइट लगी हुई है। एलइडी लाइट की वजह से रोड पर चलने वाली गाड़ी और बाइक के चालकों का ध्यान भंग होता है। इन एलईडी स्क्रीन पर विज्ञापन चलाए जाते हैं सूत्रों के अनुसार यह एलईडी स्क्रीन्स बिना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की परमिशन के लगाई गई है। क्या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (GREATER NOIDA AUTHORITY) ने बिल्डरों को खुली छूट दी हुई है वो अपनी मर्ज़ी से कुछ भी कर सकते है।

बिल्डरों द्वारा लगाए गए एलईडी स्क्रीन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को विज्ञापन राजस्व (ADVERTISING TAX) की हानि हो रही है जिन जिन बिल्डरों ने एलईडी स्क्रीन लगाई हुई है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को उनकी जांच करते हुए सभी एलईडी स्क्रीन को हट वाला चाहिए और बिल्डरों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

ग्रेटर नोएडा में एडवरटाइजिंग में सिर्फ कुछ ही प्राइवेट कंपनियों का कब्जा है और उन्हीं के इशारों पर प्राधिकरण के अधिकारी भी कार्य कर रहे हैं प्राधिकरण के अधिकारी इन कंपनियों पर कोई ठोस कार्रवाई करते नजर नहीं आते हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी को अवैध होर्डिंग बोर्ड के नाम पर हो रहे अवैध उगाई के घोटाले का संज्ञान लेना चाहिए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारी और अवैध होर्डिंग लगाने वाले लोगों के गठजोड़ को तोड़ा जाए।

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