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Greater Noida Authority News : ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक निवेश को मिलेगी रफ्तार, मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर विशेष जोर, प्रमुख सचिव आलोक कुमार का बड़ा निर्देश!, NG रवि कुमार ने कहा औद्योगिक भूखंड लेने वालों को जल्द से जल्द प्लांट लगाने होंगे

"जो उद्योग नहीं लगाएंगे, उनका भूखंड आवंटन रद्द होगा", मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष फोकस – गुजरात और कर्नाटक मॉडल अपनाने की सलाह – प्रमुख सचिव आलोक कुमार तृतीय

ग्रेटर नोएडा, Raftar Today

उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को साकार करने के लिए उद्योगों की बसावट और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करना बेहद जरूरी है। इसी दिशा में प्रमुख सचिव एवं उत्तर प्रदेश के वन ट्रिलियन इकोनॉमी के नोडल ऑफिसर आलोक कुमार तृतीय ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।

बैठक के दौरान प्रमुख सचिव ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जो आवंटी औद्योगिक भूखंड लेकर उद्योग नहीं लगा रहे हैं, उनके भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया जाए और उन्हें नए उद्यमियों को दिया जाए, जो वास्तव में निवेश और रोजगार सृजन में योगदान कर सकें।


📌 मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष फोकस – गुजरात और कर्नाटक मॉडल अपनाने की सलाह

बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश को निवेशकों के लिए प्रमुख औद्योगिक हब बनाना है, जिसके लिए जरूरी है कि ग्रेटर नोएडा में बड़ी कंपनियों को आकर्षित किया जाए और मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाए।

उन्होंने कहा कि—

“औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के लिए हमें गुजरात और कर्नाटक मॉडल से सीखना होगा। वहां की निवेश नीति बेहद सफल रही है, जिससे उद्योगों को न केवल अनुकूल माहौल मिला, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी मिला।”

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि औद्योगिक निवेशकों के लिए भूखंडों की आवंटन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और उसे जल्द से जल्द फंक्शनल करने की व्यवस्था की जाए।

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ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक निवेश को मिलेगी रफ्तार, मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर विशेष जोर

🏭 औद्योगिक भूखंड लेने वालों को जल्द से जल्द प्लांट लगाने होंगे

प्रमुख सचिव ने बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव और एसीईओ सुनील कुमार सिंह के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि—

“हमने पाया है कि कई उद्यमियों को औद्योगिक भूखंड आवंटित कर दिए गए हैं, लेकिन वे सालों से कोई उद्योग नहीं लगा रहे हैं। ऐसे लोगों के भूखंड वापस लेकर नए और इच्छुक उद्यमियों को आवंटित किए जाएं, ताकि उद्योग जल्द से जल्द लग सकें और रोजगार के अवसर पैदा हों।”

इस निर्देश के बाद अब उन उद्यमियों पर गाज गिर सकती है जो सिर्फ भूखंड लिए बैठे हैं लेकिन निवेश नहीं कर रहे हैं।


📈 फैक्ट्री ऐक्ट के तहत पंजीकरण को मिलेगा बढ़ावा

प्रमुख सचिव आलोक कुमार तृतीय ने बैठक में यह भी कहा कि कंपनियों को फैक्ट्री ऐक्ट के तहत पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की सटीक ग्रॉस वैल्यू का आकलन किया जा सके।

उन्होंने कहा कि—

“अगर कंपनियां फैक्ट्री ऐक्ट में रजिस्ट्रेशन कराएंगी, तो इससे हमें उद्योगों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और नीतिगत निर्णय लेने में आसानी होगी। इससे न केवल उद्योगों को फायदा होगा, बल्कि सरकार को भी बेहतर रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।”


📌 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का जवाब – जल्द आएगी नई औद्योगिक भूखंड योजना

बैठक के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने प्रमुख सचिव को आश्वासन दिया कि—

“हम जल्द ही उद्यमियों के लिए नई औद्योगिक भूखंड योजना लाने जा रहे हैं, जिससे निवेशकों को बेहतर अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, किसानों से जमीन खरीदकर औद्योगिक विकास के लिए उसे तेजी से विकसित किया जा रहा है।”

एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने भी बताया कि—

“उद्योगों को प्रोत्साहित करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए नियमित बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही, उद्यमियों को फैक्ट्री ऐक्ट के तहत पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।”


👥 बैठक में कौन-कौन मौजूद रहा?

इस उच्च स्तरीय बैठक में कई महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से—

प्रमुख सचिव एवं यूपी के वन ट्रिलियन इकोनॉमी के नोडल ऑफिसर आलोक कुमार तृतीय
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार
एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव और एसीईओ सुनील कुमार सिंह
ओएसडी एनके सिंह
मैनेजर उद्योग अरविंद मोहन सिंह

सभी अधिकारियों ने राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और उद्योगों को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई।

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ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक निवेश को मिलेगी रफ्तार, मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर विशेष जोर

🚀 औद्योगिक निवेश से ग्रेटर नोएडा को क्या मिलेगा?

नए उद्योगों की स्थापना से युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा।
ग्रेटर नोएडा देश के शीर्ष औद्योगिक केंद्रों में शामिल होगा।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य पूरा होगा।
औद्योगिक विकास से बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) का तेजी से विस्तार होगा।


📢 अब आगे क्या?

📌 प्राधिकरण जल्द ही नई औद्योगिक भूखंड योजना लाएगा।
📌 बिना उद्योग लगाए बैठे उद्यमियों के भूखंडों की होगी समीक्षा।
📌 गुजरात और कर्नाटक मॉडल को अपनाने पर होगा ज़ोर।
📌 औद्योगिक विकास की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाने के लिए उठाए जाएंगे कदम।


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