GL Bajaj University News : नवाचार को मिलेगा पेटेंट का संरक्षण!, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में आयोजित हुई बौद्धिक संपदा पर विशेष कार्यशाला, पेटेंट जागरूकता बढ़ाने की दिशा में अहम कदम

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा स्थित जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में मंगलवार को एक दिवसीय पेटेंट जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य था — शोध, नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) को लेकर संकाय सदस्यों और शोधार्थियों में जागरूकता और समझ को सशक्त बनाना।
कार्यशाला का आयोजन संस्थान के आईपीआर सेल द्वारा किया गया, जिसमें शिक्षा जगत और इंडस्ट्री से जुड़े कई विशेषज्ञों ने अपने व्यावहारिक अनुभवों और तकनीकी ज्ञान को साझा किया।
कार्यक्रम की शुरुआत: नवाचार को मिला मंच
सेमिनार की शुरुआत संस्थान के एसबीजी सेमिनार हॉल में गणमान्य अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मंच पर निदेशक महोदया, डीन, विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ संकाय सदस्य उपस्थित रहे, जिन्होंने IPR के क्षेत्र में ऐसे आयोजनों को शोध और तकनीकी विकास के लिए अहम करार दिया।
विशेषज्ञ सत्र: ज्ञान और अनुभव की बारिश
🔹 सत्र-1: “बौद्धिक संपदा अधिकार का महत्व”
श्रीमती पूजा कुमार, संस्थापक व निदेशक – Inno Intellects LLP ने बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) पर एक ज्ञानवर्धक सत्र लिया। उन्होंने बताया कि एक नवाचार को सिर्फ सोच तक सीमित नहीं रखना चाहिए, उसे कानूनी संरक्षण देना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने शिक्षाविदों को यह भी समझाया कि कैसे एक छोटा सा आइडिया भी पेटेंट में बदल सकता है और उसका व्यवसायीकरण संभव है।
🔹 सत्र-2: “पेटेंट प्रारूपण और अभियोजन की प्रक्रिया”
सुश्री फ़ेत्सी, पंजीकृत पेटेंट एजेंट (इंजीनियरिंग डोमेन) ने प्रतिभागियों को पेटेंट की कानूनी प्रक्रिया, प्रारूपण की तकनीकें और फाइलिंग के तौर-तरीकों पर व्यावहारिक मार्गदर्शन दिया। उन्होंने केस स्टडी के माध्यम से बताया कि कैसे एक टेक्नोलॉजी आधारित आइडिया पेटेंट में तब्दील होता है और किन चरणों से गुजरता है।
संवाद, चर्चा और नवाचार पर केंद्रित रहा आयोजन
पूरे कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। सवाल-जवाब, संवाद और विचार-विमर्श से यह स्पष्ट हुआ कि संस्थान के संकाय और शोधार्थी IPR को लेकर जागरूक हैं और अपने नवाचारों को संरक्षित करने के लिए तत्पर भी।
समापन और आभार ज्ञापन
कार्यशाला का समापन श्री हिमांशु नंदनवार (प्रभारी – IPR सेल) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने प्रबंधन, वक्ताओं, आयोजन टीम और भाग लेने वाले प्रतिभागियों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा:
“यह कार्यशाला न केवल एक ज्ञानवर्धक अनुभव थी, बल्कि यह संस्थान के भीतर नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
🎯 IPR और पेटेंट — क्यों जरूरी है शैक्षणिक संस्थानों के लिए?
आज के प्रतिस्पर्धी और तकनीक-प्रधान युग में, बौद्धिक संपदा अधिकार न केवल किसी व्यक्ति के विचार की सुरक्षा करते हैं, बल्कि रिसर्च को वास्तविकता में बदलने का रास्ता भी देते हैं। IPR न केवल आविष्कारकों की पहचान सुनिश्चित करता है, बल्कि उन्हें आर्थिक लाभ भी प्रदान करता है।
GL Bajaj का प्रयास — राष्ट्रीय नवाचार मिशन के अनुरूप
यह कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) और राष्ट्रीय नवाचार मिशन के लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसमें संस्थानों को रिसर्च, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इस पहल के माध्यम से GL Bajaj यह साबित कर रहा है कि वह सिर्फ एक शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि नवाचार का केंद्र भी है।
भविष्य की दिशा: IPR सेल का विस्तार
संस्थान ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में IPR से जुड़ी और भी कार्यशालाएं, प्रशिक्षण सत्र और पेटेंट फाइलिंग सहायता कैंप लगाए जाएंगे ताकि छात्रों और फैकल्टी को पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया जा सके।
कार्यशाला की कुछ झलकियां:
- 🔹 विशेषज्ञों के साथ संवादात्मक सत्र
- 🔹 लाइव केस स्टडी पर चर्चा
- 🔹 प्रतिभागियों को हैंडबुक और फॉर्म्स का वितरण
- 🔹 फीडबैक सत्र और प्रमाणपत्र वितरण
GL Bajaj में नवाचार की लहर…
GL Bajaj यह कार्यशाला दर्शाती है कि संस्थान न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता पर केंद्रित है, बल्कि वह प्रैक्टिकल रिसर्च और नवाचार की संस्कृति को भी बढ़ावा दे रहा है। आने वाले समय में ऐसे आयोजनों से छात्रों और फैकल्टी का पेटेंट और IPR के क्षेत्र में योगदान और भी बढ़ेगा।
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