Galgotia University News : गलगोटिया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में "बौद्धिक संपदा अधिकार" पर कार्यशाला आयोजित, नवाचार और विचारों की सुरक्षा पर हुई विस्तृत चर्चा
📍 ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। गलगोटिया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग द्वारा 4 फरवरी 2025 को “आपकी रचनात्मकता, नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (CST-UP) द्वारा प्रायोजित थी और इसका उद्देश्य IPR (बौद्धिक संपदा अधिकार) के प्रति जागरूकता बढ़ाना, नवाचार को संरक्षित करना और पेटेंट प्रक्रिया को समझाना था।
🔆 कार्यशाला का भव्य शुभारंभ
कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद डॉ. पुष्पा चौधरी (विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस और सहयोगी शाखाएँ) ने स्वागत भाषण दिया।
🔹 गलगोटिया विश्वविद्यालय के चांसलर श्री सुनील गलगोटिया ने कहा:
“नवाचार और अनुसंधान किसी भी देश की प्रगति का आधार होते हैं। IPR का ज्ञान छात्रों को अपने विचारों की सुरक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने में मदद करेगा। गलगोटियास ऐसे कार्यक्रमों से छात्रों को उद्योग समर्थित ज्ञान देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
🔹 गलगोटिया विश्वविद्यालय के CEO, डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा:
“आज का युग स्टार्टअप और इनोवेशन का है। IPR का ज्ञान छात्रों को अपने आविष्कारों को पेटेंट कराने और उन्हें व्यावसायिक रूप से उपयोगी बनाने में मदद करेगा। हमारी संस्था छात्रों और शोधकर्ताओं को सही मार्गदर्शन देने के लिए सदैव तत्पर है।”
🌟 मुख्य अतिथि एवं वक्ता
कार्यशाला में गेस्ट ऑफ ऑनर प्रो. (डॉ.) अवधेश कुमार (प्रो-वाइस चांसलर, गलगोटियास यूनिवर्सिटी) ने सभी मुख्य वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया।
इसके बाद, मुख्य अतिथि प्रो. बृजेश कुमार (इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन, दिल्ली) ने भारतीय पेटेंट अधिनियम, IPR की वर्तमान स्थिति और भारत में IPR सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा की।
📌 “विचारों की सुरक्षा एवं भविष्य का निर्माण” थीम पर वक्ताओं के विचार:
✅ डॉ. दिनेश कुमार (प्रधान वैज्ञानिक, ICAR-IASRI) – भौगोलिक संकेतक (GI) और कृषि क्षेत्र में IPR की भूमिका पर चर्चा की।
✅ डॉ. अनुज कुमार शर्मा (एसोसिएट डीन, नवाचार और सामाजिक उद्यमिता, AKTU) – प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में IPR की भूमिका को स्पष्ट किया।
✅ डॉ. शैलेंद्र सिंह गौरव (नोडल अधिकारी, IPR सेल, कृषि संकाय) – कृषि अनुसंधान और बौद्धिक संपदा अधिकार पर विस्तार से चर्चा की।
✅ डॉ. तनुप्रिया (पेटेंट अटॉर्नी, एडवोकेट) – AI युग में पेटेंट योग्यता, पेटेंट फाइलिंग और ड्राफ्टिंग प्रक्रिया पर मार्गदर्शन दिया।
📝 कार्यशाला की मुख्य विशेषताएँ
🔸 संवादात्मक सत्र: छात्रों को पेटेंट ड्राफ्टिंग और फाइलिंग की व्यावहारिक जानकारी दी गई।
🔸 केस स्टडी चर्चा: वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से IPR के व्यावहारिक अनुप्रयोगों को समझाया गया।
🔸 प्रश्नोत्तर सत्र: छात्रों और शोधकर्ताओं के प्रश्नों का समाधान विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।
🙏 समापन एवं धन्यवाद ज्ञापन
कार्यशाला का समापन डॉ. यशवीर सिंह (प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस विभाग) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। अंत में, राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।
🎙️ संस्थान के प्रवक्ता ने कहा:
“बौद्धिक संपदा अधिकार न केवल किसी व्यक्ति के विचारों को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि यह उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का भी माध्यम हैं। इस कार्यशाला से छात्रों को पेटेंट फाइलिंग, नवाचार संरक्षण और कानूनी प्रक्रियाओं की गहरी समझ प्राप्त हुई है।”
📢 निष्कर्ष:
✅ IPR के प्रति जागरूकता बढ़ाने में यह कार्यशाला सफल रही।
✅ छात्रों और शोधकर्ताओं को पेटेंट फाइलिंग की विस्तृत जानकारी मिली।
✅ संस्थान द्वारा नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह महत्वपूर्ण पहल थी।
📌 गलगोटिया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भविष्य में भी इसी प्रकार के शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा, जिससे छात्र और शोधकर्ता अपने नवाचारों को सुरक्षित रखते हुए देश और दुनिया में अपना नाम रोशन कर सकें।
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