नई दिल्ली8 घंटे पहले
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कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन में इंटरनेट का जुनून जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से लोगों में मोबाइल अडिक्शन भी बढ़ रहा है। आरएमएल अस्पताल के सेंर फॉर एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ में प्रत्येक साइकेट्रिक्ट के पास इस तरह के रोजाना एक से दो मरीज आ रहे है।
जिन्हें हमेशा इंटरनेट पर कुछ ना कुछ सर्च करने, पॉर्न देखने, वीडियोज या फोटो देखने की आदत है। वह पांच मिनट के लिए भी मोबाइल को भी खुद से दूर नहीं रखते। खासकर बच्चों और युवाओं में इसका ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। यूटयूब पर एक विडियो देखने जाते है लेकिन एक के बाद एक कई विडियो देख लेते है। बच्चे यूटयूब पर ऐसा कंटेंट देखते है, जिसके टाइटल कामुक होते है।
कोरोना से पहले 1 या 2 मोबाइल की लत के केस आते थे
सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ के डॉ आरपी बेनिवाल का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद से इस तरह के केस में बुद्धि हुई है। इसे इंटरनेट या मोबाइल अडिक्शन कहा जा सकता है। हमारे सेंटर में 8 साइकेट्रिक्ट बैठते है, जिनकी ओपीडी होती है। कोरोना से पहले इनमें से एक या दो के पास ही इंटरनेट या मोबाइल अडिक्शन के केस आते थे। लेकिन अब सभी साइकोलॉजिस्ट के पास रोजाना एक से दो केस आ रहे है।