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जेवर विधायक ने बीजेपी व योगी आदित्यनाथ से किया विश्वासघात, जेवर विधायक व राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने नगर निकाय में बीजेपी को हराया

जेवर, रफ्तार टुडे। जेवर विधायक ने किया बीजेपी पार्टी व योगी आदित्यनाथ से विश्वासघात जेवर विधायक ने नगर निकाय चुनाव में बीजेपी को हराया। गौरतलब है कि जेवर में निकाय चुनाव में जेवर विधायक की भूमिका संदेह में आती है। यह पुख्ता इसलिए हो जाती है कि जेवर विधायक एवं राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने नगर पंचायत चुनाव में चुने गए तीनों निर्दलीय प्रत्याशियों के शपथ ग्रहण में मुख्य अतिथि बनकर हिस्सा लिया।

सूत्रों के अनुसार बिलासपुर नगर पंचायत चुनाव में भी यही हुआ वहां के निर्दलीय प्रत्याशी ने बड़े मंच से यह कहा कि जेवर विधायक ने हमको बीजेपी पार्टी से भी ऊपर रखकर मदद की है। यह बात इस ओर इशारा करती है कि जेवर विधायक ने अपनी पार्टी बीजेपी को हराया। यह बीजेपी पार्टी के कुछ नेताओं को अच्छा नहीं लगा।

प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम घोषित हुए। परिणामस्वरूप लोक सभा गौतम बुध नगर के परिणाम को ही लें, जहां 5 विधानसभा हैं, उनमें भी कुल 10 नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत हैं, जिनमें से भारतीय जनता पार्टी ने 10 मे से 7 पर जीत सुनिश्चित की, जो पूर्व के आंकड़े से कहीं ज्यादा बेहतर है, निसंदेह यह माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सुशासन का परिणाम है।

लोक सभा गौतम बुध नगर में पिछली बार वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव में केवल 10 में से 2 सीटें ही भारतीय जनता पार्टी जीत पाई थी, यह आंकड़ा और अधिक सुदृढ़ हो सकता था किंतु दुर्भाग्य से जैसा कि भिन्न-भिन्न माध्यमों से सूचनाओं का बाजार गरम रहा कि बीजेपी पार्टी के अंदर भितरघात होने पर भारतीय जनता पार्टी को तीन सीटें जेवर, जहांगीरपुर एवं बिलासपुर में हार का सामना करना पड़ा और अंततः गवानी पड़ी। चुनाव में हार जीत ही दो पहलू होते हैं यह सामान्य सी बात है किंतु
जेवर विधायक एवं राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने नगर पंचायत चुनाव में चुने गए तीनों निर्दलीय प्रत्याशियों के शपथ ग्रहण में मुख्य अतिथि बनकर हिस्सा लिया।
बडा प्रश्न यह है जिन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हारे हैं और वहां पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की हैं, ऐसे जीते निर्दलीय उम्मीदवारों के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का मंच पर उपस्थित होना न्यायोचित है या नहीं! नि:संदेह यह न्यायोचित नहीं हैं!

क्या पार्टी नेतृत्व के द्वारा भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को यह संदेश प्रसारित किया गया था कि निर्दलीय जीते हुए उम्मीदवारों के शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित होना आवश्यक है, निसंदेह उत्तर नहीं मे आएगा ?
विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह व राज्य सभा सांसद सुरेंद्र नागर के विरुद्ध पार्टी ऐक्सन लेने जा रही है दोनो को 6 साल के लिए निष्कासित भी किया जा सकता है।

  • उत्तर प्रदेश में किसी नगर पालिका परिषद अथवा नगर पंचायत के चुनाव मे सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार को निर्दलीय उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा हो और ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार के शपथ ग्रहण समारोह में यदि सत्ताधारी पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेतागण एवं कार्यकर्ता बंधु सार्वजनिक रूप से मंचासीन होते हैं तो भाजपा के हारे हुए उम्मीदवार एवं उन्हें वोट देने वाले उनके समर्थकों की मनोदशा क्या होगी ? यह कहने की आवश्यकता नहीं ! निश्चय ही हारे भाजपा उम्मीदवार एवं उसके समर्थकों का मनोबल अवश्य गिरा होगा।

निर्दलीय उम्मीदवार जिन्होंने जीत हासिल की है, उनके शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मंच पर लगे बैनर एवं पोस्टरों पर कहीं पर भी प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी, माननीय मुख्यमंत्री योगी जी अथवा प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान भूपेंद्र चौधरी जी का कहीं कोई फोटो तक दूर-दूर तक नहीं दिखाई दिया, यह स्पष्ट रूप से दर्शित करता है कि जीते हुए उम्मीदवारों के मन मस्तिष्क में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं माननीय मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी के प्रति लेश मात्र भी आदर एवं सम्मान की भावना भी नहीं थी।

भारतीय जनता पार्टी के हारे हुए उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों के लिए चिंता का अब विषय यह भी अवश्य रहेगा कि जब सत्ताधारी पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता निर्दलीय उम्मीदवारों के शपथ ग्रहण समारोह में सार्वजनिक रूप से सम्मिलित होते हैं तो इससे पुलिस एवं प्रशासन को भी यह संदेश जाता है कि कौन किसके साथ खड़ा है एवं पुलिस एवं प्रशासन ऐसी दशा में निर्दलीय उम्मीदवार एवं उनके समर्थकों के हित एवं दबाव मैं कार्य करेगा इस आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

नगर निकाय चुनावों में निर्दलीय के रूप में जीत हासिल करने वाले अध्यक्षों के शपथ ग्रहण समारोह में सत्ताधारी पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के सार्वजनिक एवं निसंकोच रूप से सम्मिलित होने पर इस तथ्य को और बल मिल जाता है जिसमें मीडिया घरानों के द्वारा समय-समय पर यह खबरें भी प्रकाशित होती रही कि निर्दलीय उम्मीदवारों को सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन अंदरखाने प्राप्त है।

देश में प्रत्येक व्यक्ति को चुनाव लड़ने का लोकतांत्रिक अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त है किंतु निर्दलीय उम्मीदवारों के जीतने पर सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का उनके शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित होने की रीत भी पहली बार ही देखने को मिली!

निर्दलीय उम्मीदवारों के शपथ ग्रहण समारोह में वरिष्ठ भाजपा नेताओं की सार्वजनिक मंच से उपस्थिति निसंदेह निकाय चुनाव में हारे भाजपा उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों के दिलों में शूल की भॉंति अवशय चुभती रहेगी। स्वाभाविक सी बात है कि सार्वजनिक रूप से पार्टी के वरिष्ठ माननीयगण द्वारा ऐसे क्रियाकलापों से पार्टी के साधारण कार्यकर्ता के मनोबल पर अवश्य ही बुरा असर पड़ता है।

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