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Kisan News : गौतम बुद्ध नगर किसान आंदोलन, संयुक्त किसान मोर्चा की आपातकालीन बैठक, पुलिस की बर्बरता के खिलाफ कड़ा रुख

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। गौतम बुद्ध नगर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने गांव अट्टा गुजरान में एक आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बैठक में लगभग 30 किसान संगठनों ने भाग लिया। बैठक में प्रशासन की कार्यवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए, आंदोलन को और अधिक संगठित और प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई।


बैठक में शामिल प्रमुख संगठन

आपातकालीन बैठक में कई प्रमुख किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। इनमें शामिल थे:

  1. भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)
  2. जय जवान जय किसान
  3. भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत)
  4. अखिल भारतीय किसान सभा
  5. सिस्टम सुधार संगठन
  6. भारतीय किसान एकता महासंघ
  7. भारतीय किसान परिषद
  8. भारतीय किसान यूनियन (भानू)
  9. भारतीय किसान यूनियन (अखंड)
  10. भारतीय किसान यूनियन (अजगर)
  11. किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा
  12. भारतीय किसान यूनियन (मंच)
  13. भारतीय किसान यूनियन (संपूर्ण भारत)

इनके अलावा, अन्य छोटे और बड़े संगठनों ने भी बैठक में भाग लेकर आंदोलन को समर्थन दिया।


प्रमुख मुद्दे और निर्णय

बैठक में किसान नेताओं ने पुलिस प्रशासन की कार्यवाही को तानाशाही और बर्बरता करार देते हुए, निम्नलिखित प्रमुख मांगों पर सहमति जताई:

  1. किसानों और किसान नेताओं की बिना शर्त रिहाई:
    जेल में बंद किसानों और उनके नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए।
  2. भयमुक्त माहौल:
    पुलिस द्वारा बनाए गए डर और दमन के माहौल को समाप्त किया जाए ताकि वार्ता और संवाद का माहौल तैयार हो सके।
  3. लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा:
    धरना और प्रदर्शन किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है। इसे संरक्षित और सुनिश्चित किया जाए।
  4. सरकार की भूमिका:
    प्रशासन और सरकार से यह अपील की गई कि वे सकारात्मक कदम उठाएं और किसान आंदोलन के समाधान के लिए सार्थक वार्ता करें।

संयुक्त किसान मोर्चा का सख्त संदेश

बैठक के दौरान किसान नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि आंदोलन में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी एकजुटता और ताकत को दोहराते हुए कहा कि:
“हम पहले भी एकजुट थे और आज भी हैं। किसानों के हक की लड़ाई को और अधिक मजबूती से लड़ा जाएगा।”

संयुक्त किसान मोर्चा ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन और सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को और बड़ा करने का निर्णय लिया जाएगा।


आंदोलन को मजबूत करने की रणनीति

बैठक में तय किया गया कि:

  1. विभिन्न किसान संगठनों के बीच संवाद और सहयोग बढ़ाया जाएगा।
  2. ग्रामीण स्तर पर किसानों को आंदोलन के लिए प्रेरित किया जाएगा।
  3. प्रशासन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
  4. मीडिया के माध्यम से आंदोलन की सच्चाई को सामने लाया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा की अपील

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रशासन और सरकार से अपील करते हुए कहा कि:
“किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए आपसी संवाद और विश्वास का माहौल बनाया जाए। पुलिस दमन और बर्बरता को तत्काल रोका जाए। लोकतंत्र में जनता की आवाज सुनना सरकार की जिम्मेदारी है।”


आगे की योजना

बैठक के अंत में निर्णय लिया गया कि यदि प्रशासन और सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो:

एक बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

किसान संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य और केंद्र सरकार से मिलने के लिए तैयार होगा।

जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाया जाएगा।


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