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Large Number Of Marriages In Delhi On Sunday Due To Ban There Will Be Less Shine In The Marriages – डोली सजाकर रखना…: राजधानी में रविवार को होगी बड़ी संख्या में शादी, प्रतिबंध के चलते विवाहों में चमक रहेगी कम

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार कुमार
Updated Sat, 13 Nov 2021 12:11 AM IST

सार

विख्यात ज्योतिष प्रमोद शास्त्री के अनुसार देवोत्थानी एकादशी के दिन शादी करने के लिए शुभ मुहूर्त होता है और इस दिन शादी करने के लिए मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती है।

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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‘डोली सजाकर रखना, मेंहदी लगाकर रखना, लेने तुझे ओ गोरी आएंगे तेरे सजना’… इस तरह के गानों की धुनों के बीच दूल्हों का घोड़ी पर सवार होकर अपनी जीवन साथी के साथ रविवार से परिणय सूत्र में बंधने का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। 

गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी शादियों में चमक कम दिखाई देगी, क्योंकि कोरोना महामारी दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के कारण शादी में दो सौ लोगों के शामिल होने की अनुमति है। करीब चार माह की धार्मिक बाधा दूर होने के बाद देवोत्थानी एकादशी के दिन रविवार को देवों की पूजा अर्चना करने के साथ एक बार फिर शादी होनी शुरू हो रही है। 

दरअसल आषाढ़ माह में भड्डली नवमी के दिन विवाह होने बंद हो गए थे। विख्यात ज्योतिष प्रमोद शास्त्री के अनुसार देवोत्थानी एकादशी के दिन शादी करने के लिए शुभ मुहूर्त होता है और इस दिन शादी करने के लिए मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती है। यह दिन देवों का माना जाता है और इस दिन उनका दरबार खुलता है। इस कारण इस दिन मुहूर्त निकलवाए बिना शादी करने में कोई अड़चन नहीं होती। 

उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में हजारों परिवार अपने बच्चों का विवाह करने की योजना बनाते हैं, मगर शुभ मुहूर्त लंबा निकलने के कारण अधिकतर परिवार अपने बच्चों का विवाह देव प्रबोधिनी एकादशी को करना तय कर देते हैं। ज्योतिष मुकेश के अनुसार रविवार को कई हजार युवक-युवतियां परिणय सूत्र में बंधेंगे। अनेक सामाजिक संगठन कई जगह गरीब कन्याओं का विवाह सामुहिक तौर पर कराएंगे।

एक अन्य ज्योतिष प्रकाश ने बताया कि राजधानी में कोई भी ऐसी कालोनी व गांव नहीं है, जिसमें रविवार को शादी नहीं हो रही है। ज्यादातर जगह कई-कई शादियां हो रही हैं। इसके कारण रविवार को राजधानी पूरी तरह शादी मय हो जाएगी और चारों ओर घोड़ी पर सवार होकर चले है दुल्हे राजा, बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है, आज मेरे यार की शादी है, मेरा पिया घर आया ओ रामजी आदि गीतों की दमक रहेगी।

विस्तार

‘डोली सजाकर रखना, मेंहदी लगाकर रखना, लेने तुझे ओ गोरी आएंगे तेरे सजना’… इस तरह के गानों की धुनों के बीच दूल्हों का घोड़ी पर सवार होकर अपनी जीवन साथी के साथ रविवार से परिणय सूत्र में बंधने का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। 

गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी शादियों में चमक कम दिखाई देगी, क्योंकि कोरोना महामारी दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के कारण शादी में दो सौ लोगों के शामिल होने की अनुमति है। करीब चार माह की धार्मिक बाधा दूर होने के बाद देवोत्थानी एकादशी के दिन रविवार को देवों की पूजा अर्चना करने के साथ एक बार फिर शादी होनी शुरू हो रही है। 

दरअसल आषाढ़ माह में भड्डली नवमी के दिन विवाह होने बंद हो गए थे। विख्यात ज्योतिष प्रमोद शास्त्री के अनुसार देवोत्थानी एकादशी के दिन शादी करने के लिए शुभ मुहूर्त होता है और इस दिन शादी करने के लिए मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती है। यह दिन देवों का माना जाता है और इस दिन उनका दरबार खुलता है। इस कारण इस दिन मुहूर्त निकलवाए बिना शादी करने में कोई अड़चन नहीं होती। 

उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में हजारों परिवार अपने बच्चों का विवाह करने की योजना बनाते हैं, मगर शुभ मुहूर्त लंबा निकलने के कारण अधिकतर परिवार अपने बच्चों का विवाह देव प्रबोधिनी एकादशी को करना तय कर देते हैं। ज्योतिष मुकेश के अनुसार रविवार को कई हजार युवक-युवतियां परिणय सूत्र में बंधेंगे। अनेक सामाजिक संगठन कई जगह गरीब कन्याओं का विवाह सामुहिक तौर पर कराएंगे।

एक अन्य ज्योतिष प्रकाश ने बताया कि राजधानी में कोई भी ऐसी कालोनी व गांव नहीं है, जिसमें रविवार को शादी नहीं हो रही है। ज्यादातर जगह कई-कई शादियां हो रही हैं। इसके कारण रविवार को राजधानी पूरी तरह शादी मय हो जाएगी और चारों ओर घोड़ी पर सवार होकर चले है दुल्हे राजा, बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है, आज मेरे यार की शादी है, मेरा पिया घर आया ओ रामजी आदि गीतों की दमक रहेगी।

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