अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 16 Dec 2021 12:00 AM IST
सार
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल के पत्र का हवाला देते हुए चार पन्नों के अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी काल में जन सुरक्षा के लिए निगम बेहतर कार्य कर रहे हैं। लेकिन वेतन नहीं मिलने के कारण निगम के पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल पर चले गए।
दिल्ली के तीनों नगर निगमों का बकाया फंड देने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। उपराज्यपाल ने सीएम को लिखे पत्र में नगर निगम का 328 करोड़ रूपया देने के लिए कहा है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल के पत्र का हवाला देते हुए चार पन्नों के अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी काल में जन सुरक्षा के लिए निगम बेहतर कार्य कर रहे हैं। लेकिन वेतन नहीं मिलने के कारण निगम के पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल पर चले गए। आर्थिक तंगी से गुजर रहा निगम कर्मचारियों का महंगाई भत्ता नहीं दे पा रहा। इसके लिए निगम को 240 करोड़ रुपयों की आवश्यकता है।
वहीं बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने निगम की आर्थिक तंगी के लिए दिल्ली सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर दिल्ली सरकार निगम का बकाया भुगतान नहीं कर रही।
स्थाई समिति की बैठक के बाद बातचीत के दौरान जोगीराम जैन ने बताया कि शिक्षकों के वेतन का 70% भुगतान दिल्ली सरकार और 30% बुक भुगतान नगर निगम करता है, लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से इस राशि में कटौती की जा रही है। इतना ही नहीं दिल्ली सरकार की तरफ से निगम को हर महीने मिलने वाली 80 करोड़ रुपये की राशि भी अक्टूबर से बंद है।
तीनों निगमों का एक रुपया बकाया नहीं : दिल्ली सरकार
इधर दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने संवैधानिक तरीके से नगर निगम का पूरे पैसे का भुगतान कर दिया है। उनका एक भी रुपया दिल्ली सरकार पर बकाया नहीं है।
दिल्ली सरकार ने याद दिलाया है कि केंद्र सरकार देश के सभी नगर निगमों को प्रति व्यक्ति 488 रुपये के हिसाब से भुगतान करता है, लेकिन दिल्ली सरकार को 17 साल से यह नहीं मिला है। इसके अलावा केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों का हजारों करोड़ रूपया संपत्ति कर बकाया है। निगम अपना बकाया वसूल कर अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर सकता है। लेकिन दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए वह ऐसा नहीं कर रहा है।
विस्तार
दिल्ली के तीनों नगर निगमों का बकाया फंड देने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। उपराज्यपाल ने सीएम को लिखे पत्र में नगर निगम का 328 करोड़ रूपया देने के लिए कहा है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल के पत्र का हवाला देते हुए चार पन्नों के अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी काल में जन सुरक्षा के लिए निगम बेहतर कार्य कर रहे हैं। लेकिन वेतन नहीं मिलने के कारण निगम के पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल पर चले गए। आर्थिक तंगी से गुजर रहा निगम कर्मचारियों का महंगाई भत्ता नहीं दे पा रहा। इसके लिए निगम को 240 करोड़ रुपयों की आवश्यकता है।
वहीं बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने निगम की आर्थिक तंगी के लिए दिल्ली सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर दिल्ली सरकार निगम का बकाया भुगतान नहीं कर रही।
स्थाई समिति की बैठक के बाद बातचीत के दौरान जोगीराम जैन ने बताया कि शिक्षकों के वेतन का 70% भुगतान दिल्ली सरकार और 30% बुक भुगतान नगर निगम करता है, लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से इस राशि में कटौती की जा रही है। इतना ही नहीं दिल्ली सरकार की तरफ से निगम को हर महीने मिलने वाली 80 करोड़ रुपये की राशि भी अक्टूबर से बंद है।
तीनों निगमों का एक रुपया बकाया नहीं : दिल्ली सरकार
इधर दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने संवैधानिक तरीके से नगर निगम का पूरे पैसे का भुगतान कर दिया है। उनका एक भी रुपया दिल्ली सरकार पर बकाया नहीं है।
दिल्ली सरकार ने याद दिलाया है कि केंद्र सरकार देश के सभी नगर निगमों को प्रति व्यक्ति 488 रुपये के हिसाब से भुगतान करता है, लेकिन दिल्ली सरकार को 17 साल से यह नहीं मिला है। इसके अलावा केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों का हजारों करोड़ रूपया संपत्ति कर बकाया है। निगम अपना बकाया वसूल कर अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर सकता है। लेकिन दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए वह ऐसा नहीं कर रहा है।
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