गाजियाबाद/मेरठ35 मिनट पहले
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दिल्ली निवासी यह दंपति कई साल पहले भारत से साढ़े सात सौ करोड़ रुपए लेकर लंदन भाग गया था।
भारत से करीब 750 करोड़ रुपए लेकर फरार हुए दिल्ली के रितिका और उसके पति वीरकरण अवस्थी को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। लंदन की वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट ने 15 दिसंबर को इस दंपति को भारत प्रर्त्यपण की मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय ने अब फ्रॉड दंपति को भारत लाने के प्रयासों में तेजी कर दी है।
बैंकों से विभिन्न कंपनियों के नाम पर लिया था लोन
दिल्ली स्थित बसंत विहार के सी-1/2 में 2015 में वीरकरण अवस्थी और रितिका अवस्थी रहते थे। इस दंपति ने यूपी, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बैंकों से विभिन्न कंपनियों के नाम पर करीब 650 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इन्होंने अपनी कंपनियों की कीमत से काफी ज्यादा लोन बैंक अफसरों से साठगांठ कर हासिल कर लिया था। इसके बाद लोन चुकता नहीं किया और कंपनियां बंद कर फरार हो गए। इसके अलावा अवस्थी दंपति ने कई फ्रॉड कंपनियां दिखाकर यूपी समेत कई राज्यों के किसानों से धान खरीदा। उनका भी 3 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं दिया। बुलंदशहर जिले में इसको लेकर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। कुल मिलाकर इस दंपति पर करीब 750 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप है।
यूपी में दर्ज हैं 13 मुकदमे
इस दंपति पर 2015 में सिर्फ यूपी में ही 13 मुकदमे दर्ज हुए थे। इसके अलावा अन्य कई राज्यों में भी FIR दर्ज हुई थी। 2016 में यूपी सरकार के निर्देश पर केस की जांच मेरठ की आर्थिक अपराध एवं अनुसंधान शाखा (EOW) को ट्रांसफर हुई। जांच में रितिका और वीरकरण अवस्थी सहित 15 लोग आरोपी बनाए गए थे। इसमें 5 लोग विदेशी हैं, जो कतर के रहने वाले हैं। इस दौरान रितिका और वीरकरण अवस्थी लंदन भाग गए। रितिका, वीरकरण और विनोद सिरोही के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में पेश की जा चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट पहले ही दे चुका है प्रत्यर्पण का आदेश
EOW के मेरठ सेक्टर के एसपी स्वप्निल ममगई ने बताया कि इस केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने 2018 में ही वीरकरण दंपति के भारत प्रर्त्यपण के आदेश दिए थे। जुलाई 2018 से लंदन की वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट में प्रत्यर्पण पर सुनवाई चल रही थी।
इस सुनवाई में लंदन की कोर्ट को संतुष्ट करने के लिए EOW को काफी मेहनत करनी पड़ी। वीरकरण और रितिका अवस्थी ने कभी भारत की जेलों में सुविधाएं न होने के बहाने बनाए, तो कभी कुछ और। आखिरकार यूपी पुलिस की शाखा EOW को मजबूत पैरवी की सफलता मिली। 15 दिसंबर को कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद अभियुक्त दंपति को भारत प्रत्यर्पण किए जाने के आदेश पारित कर दिए हैं।
बैंक ऑफ इंडिया | 185 करोड़ |
इलाहाबाद बैंक | 120 करोड़ |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 40 करोड़ |
सेंट्रल बैंक | 20 करोड़ |
डीबीएस | 25 करोड़ |
पंजाब नेशनल बैंक | 50 करोड़ |
स्टैंटडर्ड चार्टेड बैंक | 125 करोड़ |
स्पोर्ट्स इम्पोर्ट बैंक ऑफ इंडिया | 35 करोड़ |
हांगकांग एंड सिंघाई बैंक कारपोरेशन लिमिटेड | 50 करोड़ |