अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 23 Dec 2021 05:05 AM IST
सार
दोनों ही राज्यों में पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मदद की। पिछले वर्ष कोरोना मरीज का फेफड़ा प्रत्यारोपित किया था।
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर की गई राह आसान…
– फोटो : ani
अहमदाबाद से दिल्ली पहुंचे फेफड़े 54 साल के एक मरीज में प्रत्यारोपित किए गए। दिल्ली में यह दूसरी बार है जब फेफड़ों का प्रत्यारोपण किया गया है। इससे पहले पिछले वर्ष कोरोना के एक मरीज का फेफड़ा प्रत्यारोपित किया गया था। यह दोनों ही मामले साकेत स्थित मैक्स अस्पताल से हैं।
बुधवार को गुजरात के अहमदाबाद से दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल तक 950 किलोमीटर का सफर महज तीन घंटे में पूरा करते हुए फेफड़े लाए गए। दोनों ही राज्यों में पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इसमें मदद की।
डॉक्टरों के अनुसार, अहमदाबाद में 44 वर्षीय एक मरीज का ब्रेन डेड हुआ था, जिसके परिजनों ने अंगदान का फैसला लिया। इसके बाद मैक्स अस्पताल में 54 वर्षीय मरीज लंबे समय से वेटिंग में था, इसलिए मरीज को सूचित किया गया और उन्हें तत्काल उत्तर प्रदेश से दिल्ली बुलाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि करीब नौ घंटे तक चली मैराथन सर्जरी के बाद मरीज में प्रत्यारोपण सफल रहा। देर रात मरीज को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। अगले दो से तीन दिन बाद मरीज की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी।
उत्तर भारत में पिछले वर्ष तक कभी फेफड़ों का प्रत्यारोपण नहीं हुआ था। अभी तक मैक्स, दिल्ली एम्स और गंगाराम अस्पताल में अनुमति मिल चुकी है लेकिन मैक्स अस्पताल ने पहला प्रत्यारोपण पिछले वर्ष कोविड-19 से संक्रमित मरीज पर किया था। उस दौरान मुंबई से फेफड़े दिल्ली लाए गए थे। अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. राहुल चंदोला ने बताया कि मेरठ निवासी 54 वर्षीय मरीज को सीओपीडी की बीमारी थी।
इसके चलते उनके फेफड़े लगभग खत्म हो चुके थे और उन्हें प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी, लेकिन देश में फेफड़ों के प्रत्यारोपण गिनती के दो-चार ही हो पाते हैं। ऐसे में इन मरीजों के लिए संभावना बहुत कम रहती है। अहमदाबाद में अंगदान की सूचना मिलने के बाद उनकी टीम सक्रिय हुई और मरीज से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि 15 डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ ने मिलकर ऑपरेशन में मदद की और नौ घंटे बाद सर्जरी पूरी हुई।
विस्तार
अहमदाबाद से दिल्ली पहुंचे फेफड़े 54 साल के एक मरीज में प्रत्यारोपित किए गए। दिल्ली में यह दूसरी बार है जब फेफड़ों का प्रत्यारोपण किया गया है। इससे पहले पिछले वर्ष कोरोना के एक मरीज का फेफड़ा प्रत्यारोपित किया गया था। यह दोनों ही मामले साकेत स्थित मैक्स अस्पताल से हैं।
बुधवार को गुजरात के अहमदाबाद से दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल तक 950 किलोमीटर का सफर महज तीन घंटे में पूरा करते हुए फेफड़े लाए गए। दोनों ही राज्यों में पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इसमें मदद की।
डॉक्टरों के अनुसार, अहमदाबाद में 44 वर्षीय एक मरीज का ब्रेन डेड हुआ था, जिसके परिजनों ने अंगदान का फैसला लिया। इसके बाद मैक्स अस्पताल में 54 वर्षीय मरीज लंबे समय से वेटिंग में था, इसलिए मरीज को सूचित किया गया और उन्हें तत्काल उत्तर प्रदेश से दिल्ली बुलाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि करीब नौ घंटे तक चली मैराथन सर्जरी के बाद मरीज में प्रत्यारोपण सफल रहा। देर रात मरीज को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। अगले दो से तीन दिन बाद मरीज की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी।
उत्तर भारत में पिछले वर्ष तक कभी फेफड़ों का प्रत्यारोपण नहीं हुआ था। अभी तक मैक्स, दिल्ली एम्स और गंगाराम अस्पताल में अनुमति मिल चुकी है लेकिन मैक्स अस्पताल ने पहला प्रत्यारोपण पिछले वर्ष कोविड-19 से संक्रमित मरीज पर किया था। उस दौरान मुंबई से फेफड़े दिल्ली लाए गए थे। अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. राहुल चंदोला ने बताया कि मेरठ निवासी 54 वर्षीय मरीज को सीओपीडी की बीमारी थी।
इसके चलते उनके फेफड़े लगभग खत्म हो चुके थे और उन्हें प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी, लेकिन देश में फेफड़ों के प्रत्यारोपण गिनती के दो-चार ही हो पाते हैं। ऐसे में इन मरीजों के लिए संभावना बहुत कम रहती है। अहमदाबाद में अंगदान की सूचना मिलने के बाद उनकी टीम सक्रिय हुई और मरीज से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि 15 डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ ने मिलकर ऑपरेशन में मदद की और नौ घंटे बाद सर्जरी पूरी हुई।
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