Mahanandan Hospital News : मानवता की नब्ज बनी महानंदन हॉस्पिटल की पहल, विश्व रक्तदान दिवस पर 33 यूनिट रक्त संग्रहीत, चिकित्सा स्टाफ बना मिसाल, रक्तदान – आज की आवश्यकता, कल की तैयारी

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।।
“रक्तदान – जीवन का सबसे पवित्र उत्सव।”
यही भावना देखने को मिली ग्रेटर नोएडा स्थित महानंदन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में, जहां विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में समाजसेवा और चिकित्सा सेवा का ऐसा मेल हुआ कि उपस्थित हर व्यक्ति ने इसे “सेवा से सरोकार का संगम” बताया।
यह आयोजन पल्स फाउंडेशन चैरिटेबल ब्लड सेंटर के सहयोग से संपन्न हुआ और कुल 33 यूनिट रक्त संग्रह कर एक बड़ा मानवीय योगदान दर्ज किया गया।
रक्तदान बना इंसानियत का उत्सव, हॉस्पिटल स्टाफ ने दिखाई मिसाल
शिविर में न केवल हॉस्पिटल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने भाग लिया, बल्कि तकनीकी, प्रशासनिक और सहयोगी कर्मचारियों ने भी रक्तदान कर एक आदर्श प्रस्तुत किया।
डॉ. अभिषेक देशवाल, अस्पताल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ने इसे केवल आयोजन नहीं बल्कि “भावना और जिम्मेदारी का प्रतीक” बताया।
उन्होंने कहा:
“रक्तदान केवल रक्त देना नहीं है, यह जीवन देना है। यह सेवा बिना भेदभाव के की जाती है – न जाति देखी जाती है, न धर्म, न लिंग – सिर्फ इंसानियत देखी जाती है।”
33 यूनिट रक्त, अनगिनत ज़िंदगियों की आशा
रक्तदान शिविर में 33 यूनिट रक्त एकत्र किया गया, जो गंभीर बीमारियों, सर्जरी, थैलेसीमिया व दुर्घटना पीड़ित मरीजों के लिए जीवनदायिनी सिद्ध होगा।
रक्तदान के प्रति युवाओं और प्रोफेशनल्स की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि अब समाज रक्तदान को सिर्फ “आपातकालीन दायित्व” नहीं, बल्कि नियमित सामाजिक कर्तव्य के रूप में देखने लगा है।
चिकित्सकीय नेतृत्व बना सफलता की कुंजी
शिविर की सफलता में हॉस्पिटल प्रशासन और चिकित्सा स्टाफ की पूर्व-योजना, समर्पण और नेतृत्व ने निर्णायक भूमिका निभाई।
इनका विशेष योगदान रहा:
- डॉ. ए.के. गढ़पायले (मेडिकल सुपरिटेंडेंट)
- डॉ. श्रुति अग्रवाल
- दिनेश कुमार
- रुपेश रंजन
- ममता, एवं अन्य विभागाध्यक्ष
इन सभी ने रक्तदानकर्ताओं को संबल और सहयोग प्रदान कर शिविर को सुनियोजित, सुरक्षित और अनुशासित वातावरण में संपन्न कराया।

रक्तदान – आज की आवश्यकता, कल की तैयारी
इस शिविर के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि सामाजिक बदलाव अस्पताल की दीवारों तक सीमित नहीं है, बल्कि जब चिकित्सक, नर्स और आमजन एक साथ मानवता के लिए खड़े होते हैं, तब एक सशक्त समाज की नींव पड़ती है।
शिविर का उद्देश्य केवल रक्त संग्रह नहीं था, बल्कि जनमानस को जागरूक करना भी था कि:
- रक्त की कोई कृत्रिम उपलब्धता नहीं होती
- केवल मानव शरीर ही रक्त उत्पन्न कर सकता है
- एक व्यक्ति का रक्तदान तीन जीवन बचा सकता है
- हर 3 महीने में एक स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है
“अब हर बूंद बनेगी जीवन का संदेश” – डॉ. देशवाल की अपील
कार्यक्रम के समापन अवसर पर डॉ. देशवाल ने सभी रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र वितरित किए और उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा:
“हम चाहेंगे कि महानंदन हॉस्पिटल केवल इलाज का केंद्र न रहे, बल्कि समाजसेवा की एक गतिशील संस्था बनकर उभरे। रक्तदान जैसे आयोजन हमारी उस सोच का हिस्सा हैं, जो स्वास्थ्य को सेवा से जोड़ती है।”
आने वाले महीनों में और भी शिविरों की योजना
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि यह पहला आयोजन नहीं था और आने वाले महीनों में ब्लड डोनेशन, ऑर्गन डोनेशन और हेल्थ कैंप्स को लेकर एक विस्तृत सामाजिक अभियान शुरू किया जाएगा।
पल्स फाउंडेशन ब्लड सेंटर के प्रतिनिधियों ने भी आयोजन की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजनों में लॉन्ग-टर्म पार्टनरशिप की घोषणा की।
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