प्रदेशराजनीति

कभी योगी आदित्यनाथ के ‘जानी दुश्मन’ के करीबी थे ब्रजेश पाठक, अमित शाह की वजह से बने डिप्टी सीएम

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे । कभी योगी आदित्यनाथ के ‘जानी दुश्मन’ के करीबी थे ब्रजेश पाठक, उनकी वजह से ही वह अमित शाह की खास बन गए, इस तरह बीजेपी में सांसद और गृहमंत्री की वजह से डिप्टी सीएम बने हैं।

777E0691 B1DE 439A A312 FC9201A5C8FA

22 मंत्रियों को हटाया गया है और डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को लाया गया है।

आपको भी पता होगा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ दूसरी बार लगातार सीएम बने हैं। तो वहीं सरकार में कई चेहरे बदले गए हैं। 22 मंत्रियों को हटाया गया है और डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) को लाया गया है। योगी आदित्यनाथ की नई सरकार में उनकी ही सबसे ज्यादा चर्चा भी हो रही है, इसकी वजह यह है कि ब्रजेश पाठक संघ या भाजपा के बैकग्राउंड के नेता नहीं हैं। ऐसे में तमाम खांटी भाजपाई नेताओं को पीछे छोड़कर उनका डिप्टी सीएम बनना चर्चा का विषय बन गया है। ब्रजेश पाठक को लेकर कहा जाता है कि वह हवा के रुख को अच्छी तरह से भांपने वाले नेता हैं। कभी कांग्रेस में रहे ब्रजेश पाठक ने 2016 में बसपा को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। अब महज 6 साल ही बीते हैं और वह प्रदेश के डिप्टी सीएम बन गए हैं।

1F675C37 8545 4801 AD9C E246012C5CA8

सबसे दिलचस्प बात यह है कि एक दौर में वह योगी आदित्यनाथ के कट्टर प्रतिद्वंद्वी कहे जाने वाले हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय तिवारी के करीबी रहे हैं ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak)। आपको बता दे की 1989 में वह लखनऊ यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष बने थे और फिर 1990 में छात्र संघ अध्यक्ष बन गए थे। कहा जाता है कि इस चुनाव में उनकी पूरी मदद विनय तिवारी ने ही की थी। छात्र जीवन में और फिर राजनीति के शुरुआती दौर में दोनों बेहद करीबी दोस्त थे। विनय तिवारी ने रफ्तार टुडे से बातचीत में कहा कि शायद ब्रजेश पाठक ऐसे पहले नेता हैं, जो भाजपा के बैकग्राउंड से नहीं आते हैं और इतना बड़ा पद हासिल किया है। वह कहते हैं कि भले ही ब्रजेश पाठक लोकप्रिय नहीं हैं, लेकिन संगठन में अच्छे हैं। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि वह हमेशा एक अच्छे मौसम वैज्ञानिक रहे हैं।

45D0FF58 8FC7 4160 9CF5 EBD082781198

ब्रजेश पाठक और विनय तिवारी एक साथ ही बसपा से जुड़े थे। विनय तिवारी ने इस चुनाव के ठीक पहले ही सपा का दामन थाम लिया था। कभी गोरखपुर और उसके आसपास के जिलों में ब्राह्मण राजनीति का चेहरा रहे हरिशंकर तिवारी औैर उनके परिवार की साख अब पहले जैसी नहीं रही है। वहीं ब्रजेश पाठक को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर ही योगी कैबिनेट में शामिल कर लिया गया है। इससे पहले 2017 में वह उनकी ही सरकार में कानून मंत्री भी बनाए गए थे। हरदोई के मल्लावां के रहने वाले ब्रजेश पाठक के पिता एक होम्योपैथिक डॉक्टर थे। यहीं से उन्होंने 2002 में पहला विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन महज 150 वोटों के अंतर से हार गए थे।

Raftar Today
Raftar Today

Related Articles

Back to top button