एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 10 Nov 2021 11:44 PM IST
सार
दिल्ली कैंट सामूहिक दुष्कर्म-हत्या मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कर दिया है। आरोपपत्र में ये भी दावा किया गया है कि चारों आरोपियों के कपड़ों पर पीड़िता के खून के अंश मिलने की भी पुष्टि फोरेंसिक रिपोर्ट में नहीं हुई है।
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विस्तार
दिल्ली कैंट सामूहिक दुष्कर्म-हत्या मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट में आरोपियों के कपड़ों से सीमन के अंश मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। पीड़िता के जले हुए कपड़ों से भी सीमन के अंश मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। ये दावा दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल आरोपपत्र में किया है। नौ वर्ष की दलित बच्ची की एक अगस्त को कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को जला दिया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में ये भी दावा किया गया है कि चारों आरोपियों के कपड़ों पर पीड़िता के खून के अंश मिलने की भी पुष्टि फोरेंसिक रिपोर्ट में नहीं हुई है। उस चादर पर भी खून नहीं मिला है जिस पर कथित रूप से दुष्कर्म किया गया था।
पुलिस ने इस मामले में श्मशान के पुजारी राधे श्याम, उसके नौकर कुलदीप सिंह, सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण को इस मामले में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इस मामले में हत्या, गैर इरादतन हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, बंधक बनाने, धमकी देने, साक्ष्य नष्ट करने, पोक्सो, एससी-एसटी एक्ट तथा अन्य धाराओं में 27 अक्तूबर को आरोपपत्र दाखिल किया था।
आरोपपत्र के साथ दाखिल फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि श्मशान के कमरे से बरामद उक्त चादर से सीमन के अंश भी नहीं मिले हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि कुलदीप सिंह के नेकर और रुमाल से उसके अपने खून के अंश मिले हैं।