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नई दिल्ली। अदालत ने हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम) के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन और अन्य से जुड़े टेरर फंडिंग से जुड़े धन शोधन मामले में अभियोग तय किए हैं। अदालत ने सैयद सलाउद्दीन सहित सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी कर पेेेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई सात फरवरी 22 तय की है।
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने अपने फैसले में कहा कि पेश दस्तावेज, साक्ष्यों/सबूतों को देखने से स्पष्ट है कि आरोपियों के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला बनता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार जांच के दौरान विनिमय व्यापार में शामिल कुछ भारतीय फर्मों को समन जारी किया गया और तीन फर्मों के बयान दर्ज किए गए। जांच के दौरान विभिन्न अधिकारियों से साक्ष्य जुटाए गए। इस संबंध में ईडी ने संपत्तियों को भी कुर्क किया।
ईडी ने कहा, जांच में पता चला कि मोहम्मद शफी शाह, तालिब लाली, मो. यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाउद्दीन, गुलाम नबी खान, उमर फारूक शेरा, मंजूर अहमद डार, जफर हुसैन भट, नजीर अहमद डार, अब्दुल मजीद सोफी और मुबारक शाह ने सह साजिशकर्ताओं और सहयोगियों की मिलीभगत से कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया।
इसके अलावा एचएम और अन्य आतंकवादी संगठनों के सक्रिय कैडरों को अपने खर्च और वितरण के लिए विभिन्न माध्यमों से पाकिस्तान से धन एकत्र किया और प्राप्त किया। विस्फोटक और आतंकवादी घटनाओं के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री की खरीद और आतंकवादी घटनाओं के लिए उकसाया।
ईडी की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए 80 करोड़ रुपये एकत्रित किए थे।
नई दिल्ली। अदालत ने हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम) के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन और अन्य से जुड़े टेरर फंडिंग से जुड़े धन शोधन मामले में अभियोग तय किए हैं। अदालत ने सैयद सलाउद्दीन सहित सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी कर पेेेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई सात फरवरी 22 तय की है।
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने अपने फैसले में कहा कि पेश दस्तावेज, साक्ष्यों/सबूतों को देखने से स्पष्ट है कि आरोपियों के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला बनता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार जांच के दौरान विनिमय व्यापार में शामिल कुछ भारतीय फर्मों को समन जारी किया गया और तीन फर्मों के बयान दर्ज किए गए। जांच के दौरान विभिन्न अधिकारियों से साक्ष्य जुटाए गए। इस संबंध में ईडी ने संपत्तियों को भी कुर्क किया।
ईडी ने कहा, जांच में पता चला कि मोहम्मद शफी शाह, तालिब लाली, मो. यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाउद्दीन, गुलाम नबी खान, उमर फारूक शेरा, मंजूर अहमद डार, जफर हुसैन भट, नजीर अहमद डार, अब्दुल मजीद सोफी और मुबारक शाह ने सह साजिशकर्ताओं और सहयोगियों की मिलीभगत से कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया।
इसके अलावा एचएम और अन्य आतंकवादी संगठनों के सक्रिय कैडरों को अपने खर्च और वितरण के लिए विभिन्न माध्यमों से पाकिस्तान से धन एकत्र किया और प्राप्त किया। विस्फोटक और आतंकवादी घटनाओं के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री की खरीद और आतंकवादी घटनाओं के लिए उकसाया।
ईडी की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए 80 करोड़ रुपये एकत्रित किए थे।