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More Than 4227 Tickets Sold For Bharat Darshan On The First Day – भारत दर्शन के लिए पहले दिन बिक गए 4227 से ज्यादा टिकट

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नई दिल्ली। दिल्ली को दिलवालों का शहर यूं ही नहीं कहते, यहां लोग हैं ही दिलवाले। दिल्ली वासी घूमने-फिरने के प्रति कितने जिंदादिल हैं, उन्होंने एक बार फिर यूं साबित कर दिया है। पंजाबी बाग में दक्षिणी निगम ने एक अनोखा पार्क खोला, पहले दिन ही यहां भारत दर्शन करने के लिए 4227 से ज्यादा टिकट बिक गए और निगम को टिकटों की बिक्री से करीब 5,50,950 रुपये की आमदनी हुई।
दक्षिणी निगम ने अपने दक्षिणी जोन में ‘वेस्ट टू वंडर पार्क’ की सफलता व सराहना से प्रेरित होकर पश्चिमी जोन में ऐसा ही दूसरा पार्क बनाने के लिए प्रयोग किया था। पंजाबी बाग में 8.5 एकड़ में वेस्ट टू वेल्थ की अवधारणा को पूरा करते हुए इन्होंने भव्य भारत दर्शन पार्क बना दिया। रविवार को पहले दिन निर्धारित समय के मुताबिक सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक आम आगंतुकों का जमावड़ा लगा रहा। मनमोहक 22 ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारकों की कलाकृतियों, उद्यान विभाग की कार्यकुशलता और कचरे से कंचन के सफर को लोगों ने यहां घूम-घूम कर देखा। निगम ने लोगों से सामान्य टिकट के 100 रुपये और और प्रीमियम टिकट के 150 रुपये लिए, लेकिन लोगों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई।
हजारों छोटे बच्चों ने फ्री में किया भारत दर्शन
रविवार शाम पौने आठ बजे तक करीब 4227 लोगों ने टिकट खरीदकर भारत दर्शन पार्क घूमा, जबकि 3-12 साल के हजारों बच्चों ने नि:शुल्क पार्क का भ्रमण किया और यहां देश की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक तस्वीर देखी। निगमों के विद्यालयों के हजारों छात्रों ने भी पहुंचकर चहलकदमी की।
किसके लिए कितना है टिकट
. 12 से 60 वर्ष तक व्यक्ति – 100 रुपये
. 3-12 और 60 साल से ऊपर के व्यक्ति – 50 रुपये
. 3 साल से छोटे बच्चे – नि:शुल्क प्रवेश
. नगर निगम विद्यालयों के छात्र और दिव्यांग – नि:शुल्क प्रवेश
. अन्य विद्यालयों के छात्र – 40 रुपये
लाइट एंड साउंड शो (प्रीमियम टिकट)
. 12 से 60 वर्ष – 150 रुपये
. 3-12 वर्ष और 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति – 75 रुपये
. अन्य विद्यालयों के छात्र – 60 रुपये
पार्क एक, लेकिन लक्ष्य अनेक
भारत दर्शन पार्क में देश की ऐतिहासिक इमारतों को कबाड़ से तैयार किया गया है। देश के प्रधानमंत्री का सपना ‘कचरे से कंचन का सफर’ यहां पूरा किया गया है। इसके साथ कई संदेश भी दिए गए हैं, जैसे कि स्वच्छ भारत, कौशल निर्माण, देश की सांस्कृतिक एकता को बनाए रखने, देश के पर्यटन को बढ़ावा देने जैसे कई लक्ष्यों की पूर्ति एक ही पार्क के माध्यम से की गई है। इसके अलावा निगम को इस पार्क के जरिये अपनी बिगड़ी आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

नई दिल्ली। दिल्ली को दिलवालों का शहर यूं ही नहीं कहते, यहां लोग हैं ही दिलवाले। दिल्ली वासी घूमने-फिरने के प्रति कितने जिंदादिल हैं, उन्होंने एक बार फिर यूं साबित कर दिया है। पंजाबी बाग में दक्षिणी निगम ने एक अनोखा पार्क खोला, पहले दिन ही यहां भारत दर्शन करने के लिए 4227 से ज्यादा टिकट बिक गए और निगम को टिकटों की बिक्री से करीब 5,50,950 रुपये की आमदनी हुई।

दक्षिणी निगम ने अपने दक्षिणी जोन में ‘वेस्ट टू वंडर पार्क’ की सफलता व सराहना से प्रेरित होकर पश्चिमी जोन में ऐसा ही दूसरा पार्क बनाने के लिए प्रयोग किया था। पंजाबी बाग में 8.5 एकड़ में वेस्ट टू वेल्थ की अवधारणा को पूरा करते हुए इन्होंने भव्य भारत दर्शन पार्क बना दिया। रविवार को पहले दिन निर्धारित समय के मुताबिक सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक आम आगंतुकों का जमावड़ा लगा रहा। मनमोहक 22 ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारकों की कलाकृतियों, उद्यान विभाग की कार्यकुशलता और कचरे से कंचन के सफर को लोगों ने यहां घूम-घूम कर देखा। निगम ने लोगों से सामान्य टिकट के 100 रुपये और और प्रीमियम टिकट के 150 रुपये लिए, लेकिन लोगों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई।

हजारों छोटे बच्चों ने फ्री में किया भारत दर्शन

रविवार शाम पौने आठ बजे तक करीब 4227 लोगों ने टिकट खरीदकर भारत दर्शन पार्क घूमा, जबकि 3-12 साल के हजारों बच्चों ने नि:शुल्क पार्क का भ्रमण किया और यहां देश की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक तस्वीर देखी। निगमों के विद्यालयों के हजारों छात्रों ने भी पहुंचकर चहलकदमी की।

किसके लिए कितना है टिकट

. 12 से 60 वर्ष तक व्यक्ति – 100 रुपये

. 3-12 और 60 साल से ऊपर के व्यक्ति – 50 रुपये

. 3 साल से छोटे बच्चे – नि:शुल्क प्रवेश

. नगर निगम विद्यालयों के छात्र और दिव्यांग – नि:शुल्क प्रवेश

. अन्य विद्यालयों के छात्र – 40 रुपये

लाइट एंड साउंड शो (प्रीमियम टिकट)

. 12 से 60 वर्ष – 150 रुपये

. 3-12 वर्ष और 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति – 75 रुपये

. अन्य विद्यालयों के छात्र – 60 रुपये

पार्क एक, लेकिन लक्ष्य अनेक

भारत दर्शन पार्क में देश की ऐतिहासिक इमारतों को कबाड़ से तैयार किया गया है। देश के प्रधानमंत्री का सपना ‘कचरे से कंचन का सफर’ यहां पूरा किया गया है। इसके साथ कई संदेश भी दिए गए हैं, जैसे कि स्वच्छ भारत, कौशल निर्माण, देश की सांस्कृतिक एकता को बनाए रखने, देश के पर्यटन को बढ़ावा देने जैसे कई लक्ष्यों की पूर्ति एक ही पार्क के माध्यम से की गई है। इसके अलावा निगम को इस पार्क के जरिये अपनी बिगड़ी आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

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