Earthquake Thailand News : म्यांमार और थाईलैंड में धरती की करवट से मची तबाही, इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढही, सड़कों पर पड़ी दरारें, जान बचाने के लिए घरों से बाहर भागे लोग

बैंकॉक/नेपीडॉ, रफ़्तार टुडे। जब प्रकृति अपना रौद्र रूप दिखाती है, तो इंसान की बनाई ऊंची-ऊंची इमारतें भी कुछ ही पलों में धूल में मिल जाती हैं। शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने विनाश का ऐसा तांडव मचाया कि पूरा इलाका दहल उठा। झटके इतने तीव्र थे कि म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ और थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में ऊंची इमारतें झूलने लगीं और हजारों लोग जान बचाने के लिए घरों से बाहर भाग निकले।
7.7 तीव्रता का था भूकंप, केंद्र म्यांमार का सागाइंग क्षेत्र
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, इस विनाशकारी भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग शहर से 16 किमी उत्तर-पश्चिम में, मांडले के पास था। यह इलाका म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ से लगभग 100 किमी उत्तर में स्थित है। भूकंप की गहराई मात्र 10 किमी थी, जिससे इसका प्रभाव बेहद भयावह रहा।
भूकंप का असर म्यांमार तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके झटके थाईलैंड, चीन, बांग्लादेश और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों तक महसूस किए गए। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस भूकंप के बाद 6.1 और 5.8 तीव्रता के दो और झटके आए, जिससे लोगों में और ज्यादा दहशत फैल गई।
म्यांमार में भारी नुकसान, सड़कों पर दरारें, इमारतें धराशायी
म्यांमार में यह भूकंप तबाही का दूसरा नाम बन गया। राजधानी नेपीडॉ में कई इमारतें पूरी तरह से ढह गईं, सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गईं, और बिजली के खंभे गिरने से कई इलाकों में अंधेरा छा गया।

मांडले क्षेत्र में इरावडी नदी पर बने ऐतिहासिक एवा ब्रिज को भी गंभीर क्षति पहुंची है। वहां से गुजरते समय कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गए। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि म्यांमार में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
बैंकॉक में गगनचुंबी इमारतें झूलने लगीं, स्विमिंग पूल से छलकता दिखा पानी
थाईलैंड में भी भूकंप का जबरदस्त असर देखने को मिला। बैंकॉक में ऊंची इमारतें झूलने लगीं और लोग जान बचाने के लिए सीढ़ियों से नीचे उतरते दिखे।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक हाईराइज बिल्डिंग के रूफटॉप पर बने स्विमिंग पूल से पानी छलककर दर्जनों मंजिल नीचे गिरते हुए देखा जा सकता है। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत गिरने से तीन मजदूरों की मौत हो गई और 81 लोग मलबे में दब गए।
भारत और चीन में भी महसूस किए गए झटके
भूकंप के झटके चीन के युन्नान प्रांत, बांग्लादेश और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में भी महसूस किए गए।
- भारत: असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड में हल्के झटके महसूस हुए, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
- चीन: युन्नान और गुआंग्शी में इमारतें हिलती नजर आईं, लेकिन प्रशासन के अनुसार अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
बचाव और राहत कार्य जोरों पर
म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों ने आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी है। सेना और आपदा राहत दल मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
- बैंकॉक में 100 से अधिक फायरफाइटर्स और रेस्क्यू टीम को तैनात किया गया है।
- म्यांमार सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है, जिसमें भारत, चीन और जापान ने सहायता भेजने का वादा किया है।
- थाईलैंड में भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि वहां फंसे भारतीय नागरिक सहायता प्राप्त कर सकें।
क्या भूकंप के बाद सुनामी का खतरा है?
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस भूकंप के बाद किसी बड़े सुनामी की संभावना नहीं है। हालांकि, म्यांमार और थाईलैंड के समुद्री किनारे वाले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।

भूकंप से बचाव के लिए जरूरी उपाय
- खुले स्थान पर जाएं: भूकंप के दौरान इमारतों से बाहर निकलकर किसी खुले स्थान पर चले जाएं।
- मजबूत चीज के नीचे छिपें: अगर बाहर निकलना संभव न हो, तो किसी मजबूत टेबल या बेड के नीचे बैठ जाएं और सिर को ढक लें।
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें: भूकंप के समय लिफ्ट में जाना जानलेवा हो सकता है।
- बिजली और गैस कनेक्शन बंद करें: इससे आग लगने की संभावना कम हो जाएगी।
- आपातकालीन किट तैयार रखें: टॉर्च, पानी, दवाइयां और खाने-पीने की जरूरी चीजें हमेशा तैयार रखें।
निष्कर्ष: प्रकृति का प्रकोप और हमारी तैयारियां
इस भीषण भूकंप ने एक बार फिर दिखा दिया कि इंसान की बनाई ऊंची इमारतें भी प्रकृति के सामने कमजोर हैं। ऐसे आपदाओं से बचने के लिए हमें पहले से तैयार रहना होगा।
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