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केंद्र सरकार भी छत्तीसगढ़ सरकार की भांति, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की पहल करे – नंद गोपाल वर्मा

गौतमबुध्द नगर, रफ्तार टुडे। पत्रकारों की प्रमुख संस्था नेशनल प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की बहुत पुरानी मांग पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की पहल का पत्रकार व साहित्यकार संगठनों ने स्वागत किया है।

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक भगवान प्रसाद उपाध्याय एवं नेशनल प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के राष्ट्रीय महासचिव, सामाजिक चिंतक व पत्रकार नंद गोपाल वर्मा एवं साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय स्वतंत्र लेखक मंच दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह स्वतंत्र ने संयुक्त रूप से विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए जाने पर छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार के प्रति धन्यवाद व आभार व्यक्त किया है।

नेशनल प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) राष्ट्रीय महासचिव नंद गोपाल वर्मा ने कहा है कि मान्यता अथवा गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों का भेदभाव रहित इस पत्रकार सुरक्षा कानून के तहत समाचार पत्रों के दफ्तर अथवा बाहर फील्ड में पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की स्वतंत्रता एवं सुरक्षा प्रदान हो सकेगी, साथ ही निष्पक्ष व निर्भीक कहीं जाने वाली स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति को और अधिक मजबूती मिलेगी।

नंद गोपाल वर्मा ने पत्रकारों से भी उम्मीद जताई है कि वे भी पत्रकार सुरक्षा कानून के दायरे में रह एवं पीत पत्रकारिता को तिलांजलि दे अपनी इमानदारी मेहनत और लगन से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अथवा पत्रकार एवं पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रख कर पत्रकारिता को सामाजिक दर्पण सिद्ध करने का सार्थक प्रयास करेंगे। नंद गोपाल वर्मा ने बीते छह,सात सालों में देशभर में हुई करीब 210 पत्रकारों की हत्या पर चिंता जताते हुए कहा कि उनका क्लब एनपीसीआई एवं देश के विभिन्न पत्रकार संगठन पिछले 20 वर्षों में अनेकों बार प्रदेश वह केंद्र सरकारों से ज्ञापन देकर अथवा आंदोलन कर मांग करते रहे हैं।

कि संसद में प्रस्ताव पारित करा कर पत्रकार सुरक्षा कानून बना कर भारतीय संविधान में पत्रकारिता की अधिकारिता सुनिश्चित कराई जाए, ताकि हमारे पत्रकार भाई निर्भीक रह स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता कर देश व समाज हित में पत्रकारिता कर सकें और देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी जीवित रह सके।
नंद गोपाल वर्मा ने भारत सरकार से फिर मांग की है।

कि मान्यता व गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों का भेदभाव समाप्त कर सरकार द्वारा देशभर में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर लागू किया जाना चाहिए क्योंकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षा के बिना देश में लोकतंत्र की सुरक्षा भी संभव नहीं है। उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार इसे गंभीरता से लेकर देशभर में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करेगी। ताकि पत्रकारों एवं पत्रकारिता की सारगर्भिता भी सुरक्षित रह सके।

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