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Sharda University News : शारदा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी, शिक्षा के भविष्य को संवारने की नई पहल!, AI शिक्षकों की जगह नहीं ले सकता! Replace

📍 ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
शारदा विश्वविद्यालय के टीचिंग लर्निंग सेंटर द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें अगली पीढ़ी की शिक्षा के लिए उत्कृष्टता को बढ़ाने और संकाय सदस्यों को सशक्त बनाने पर चर्चा हुई। संगोष्ठी में शिक्षा और तकनीक के मेल से भविष्य की शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी और समावेशी बनाने पर जोर दिया गया।


📝 मुख्य अतिथि ने बताया – एनसीआरएफ शिक्षा में गेम-चेंजर!

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि, नॉर्थ कैप विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर डॉ. प्रेमव्रत ने नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा:
“NCRF सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि शिक्षा क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर है। यह शिक्षाविदों और वास्तविक दुनिया के कौशल के बीच की खाई को पाटता है और प्रत्येक शिक्षार्थी को आगे बढ़ने का अवसर देता है।”

🔹 पूर्व शिक्षा को पहचानने और निर्बाध क्रेडिट ट्रांसफर की व्यवस्था छात्रों को किसी भी स्तर पर दोबारा शिक्षा प्रणाली में प्रवेश करने का मौका देती है।
🔹 ब्लॉकचेन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी तकनीकों से सीखने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुलभ बनेगी।
🔹 वास्तविक सफलता के लिए शिक्षा को अधिक समावेशी और भविष्य के अनुकूल बनाने हेतु शिक्षकों, उद्योग जगत और नीति-निर्माताओं के सहयोग की जरूरत होगी।


🎓 वाइस चांसलर ने कहा – AI शिक्षकों की जगह नहीं ले सकता!

शारदा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, डॉ. सिबाराम खारा ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और शिक्षा के भविष्य पर जोर देते हुए कहा:
“पारंपरिक परीक्षाओं से आगे बढ़ते हुए, AI-संचालित संसाधन छात्रों में क्रिटिकल थिंकिंग और समस्या-समाधान क्षमता को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, AI कभी भी मानवीय तत्व की जगह नहीं ले सकता। शिक्षक ही शिक्षा की प्रेरक शक्ति हैं, जो छात्रों को सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सफलता की ओर ले जाते हैं।”

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शारदा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी, शिक्षा के भविष्य को संवारने की नई पहल!

🔹 AI और मानव ज्ञान का संयोजन शिक्षा को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाएगा।
🔹 स्मार्ट लर्निंग प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल संसाधनों से छात्रों को अधिक व्यक्तिगत शिक्षा अनुभव मिलेगा।
🔹 शिक्षकों की भूमिका हमेशा अनिवार्य रहेगी, क्योंकि वे केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि मूल्य, प्रेरणा और नैतिकता भी प्रदान करते हैं।


👨‍🏫 प्रमुख शिक्षाविद और विशेषज्ञ रहे मौजूद

इस संगोष्ठी में कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद, डीन और विभागाध्यक्ष (HODs) शामिल हुए, जिनमें शामिल थे:
प्रो-वाइस चांसलर डॉ. परमानंद
डॉ. मोहम्मद मियां
डॉ. ए.एन. राय
डॉ. एस.पी. सिंह
डॉ. एस.के. सिंह
डॉ. सुधाकर रेड्डी

इन सभी विशेषज्ञों ने शिक्षा के डिजिटल परिवर्तन, कौशल विकास और आधुनिक शिक्षण पद्धतियों पर अपने विचार रखे।


📌 निष्कर्ष: शिक्षा के भविष्य की नई राह!

शारदा विश्वविद्यालय की यह संगोष्ठी तकनीक और शिक्षा के संगम का एक बेहतरीन उदाहरण रही। AI, ब्लॉकचेन और डिजिटल लर्निंग टूल्स के माध्यम से एक नया, समावेशी और प्रभावी शिक्षण मॉडल तैयार करने पर जोर दिया गया।

📢 यह आयोजन भविष्य की शिक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा!


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