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Sharda University News : 1857 की क्रांति की गूंज, 2000 किमी साइक्लोथॉन के साथ शारदा यूनिवर्सिटी पहुंचे एनसीसी कैडेट, स्वतंत्रता संग्राम की यादों को किया ताजा

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। मेरठ से शुरू हुई 2000 किलोमीटर की ऐतिहासिक साइकिल यात्रा करते हुए एनसीसी कैडेट्स का दल ग्रेटर नोएडा के शारदा यूनिवर्सिटी पहुंचा। मंगलवार को 16 सदस्यीय इस दल का जोरदार स्वागत हुआ, जहां एनसीसी अधिकारियों और कैडेट्स ने उत्साहपूर्वक उनकी सराहना की। यह यात्रा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की गूंज को पुनर्जीवित करने और युवाओं को इस ऐतिहासिक घटना से जोड़ने का एक अनोखा प्रयास है।

साहस और दृढ़ता का प्रतीक

यह साइक्लोथॉन मेरठ से शुरू होकर लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, झांसी, ग्वालियर, आगरा, और मथुरा जैसे ऐतिहासिक स्थलों से होते हुए ग्रेटर नोएडा पहुंचा। हर दिन कैडेट्स 113 किमी की यात्रा कर रहे हैं। यह यात्रा 2025 किमी की दूरी तय कर दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर समाप्त होगी। एनसीसी निदेशालय उत्तर प्रदेश के एडीजी लेफ्टिनेंट जनरल विक्रम कुमार ने इस साहसिक यात्रा को ‘एकता और देशभक्ति का प्रतीक’ बताते हुए कैडेट्स को झंडी दिखाकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

शारदा यूनिवर्सिटी में हुआ भव्य स्वागत

शारदा यूनिवर्सिटी के नॉलेज पार्क कैंपस में एनसीसी कैडेट्स का भव्य स्वागत किया गया। यहां आयोजित कार्यक्रम में 31 यूपी गर्ल्स बटालियन ने उनकी यात्रा का अभिनंदन किया। विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर वाईके गुप्ता, वाइस चांसलर डॉ. सिबाराम खारा, डीन प्रमोद कुमार, डायरेक्टर पीआर डॉ. अजीत कुमार समेत विभिन्न विभागों के डीन और एचओडी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और पोस्टर प्रदर्शनी

1857 की क्रांति की भावना को जीवंत करने के लिए छात्रों ने पोस्टर प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। पोस्टरों में 1857 के संग्राम के गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि दी गई। इन गतिविधियों ने युवाओं को देशभक्ति और इतिहास से जोड़ने का काम किया। लेफ्टिनेंट यशोधरा राज और एसोसिएट एनसीसी अधिकारी ने कहा कि यह यात्रा देश के युवाओं में साहस, अनुशासन और एकता के संदेश का प्रचार करती है।

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1857 की क्रांति की गूंज, 2000 किमी साइक्लोथॉन के साथ शारदा यूनिवर्सिटी पहुंचे एनसीसी कैडेट,

साइक्लोथॉन का उद्देश्य

इस ऐतिहासिक साइक्लोथॉन का उद्देश्य 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की भावना को याद दिलाना और युवाओं को प्रेरित करना है। ‘संग्राम 1857’ थीम के तहत यह यात्रा उन गुमनाम नायकों को सम्मानित करती है, जिन्होंने देश की आजादी की नींव रखी। यह पहल न केवल ऐतिहासिक जागरूकता फैलाने का माध्यम है, बल्कि देश की एकता और अखंडता का संदेश भी देती है।

यात्रा की चुनौतियां और प्रेरणा

कैडेट्स की इस यात्रा को साहस और दृढ़ता का प्रतीक माना जा रहा है। हर दिन लंबी दूरी तय करना और ऐतिहासिक स्थलों से गुजरते हुए देशभक्ति की भावना को बनाए रखना, यह प्रयास अपने आप में प्रेरणादायक है। एडीजी लेफ्टिनेंट जनरल विक्रम कुमार ने कहा, “साइक्लोथॉन जैसे आयोजन युवाओं को इतिहास से जोड़ने और उन्हें अपने देश की विरासत पर गर्व महसूस कराने का बेहतरीन जरिया हैं।”

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1857 की क्रांति की गूंज, 2000 किमी साइक्लोथॉन के साथ शारदा यूनिवर्सिटी पहुंचे एनसीसी कैडेट,

गणतंत्र दिवस पर होगा समापन

एनसीसी कैडेट्स की यह ऐतिहासिक यात्रा 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान समाप्त होगी। यह यात्रा न केवल स्वतंत्रता संग्राम की यादों को ताजा करती है, बल्कि युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना को भी प्रबल करती है।

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