UP BJP Organisation News भाजपा संगठन चुनाव बाहरी और दागी नेताओं के लिए दरवाजे बंद, नए नियमों से साफ-सुथरी छवि वाले नेता ही बन सकेंगे अध्यक्ष, सीधे प्रदेश स्तर पर भेजा जाएगा पैनल, संगठन चुनाव की नई शर्तें और नियम
लखनऊ, रफ़्तार टुडे। भारतीय जनता पार्टी ने संगठन चुनाव में इस बार बड़े बदलाव करते हुए साफ और अनुशासित छवि वाले नेताओं को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। पार्टी की यह पहल संगठन को मजबूत और भरोसेमंद बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
सीधे प्रदेश स्तर पर भेजा जाएगा पैनल
अब तक मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव के लिए प्रत्याशियों का पैनल क्षेत्रीय स्तर पर भेजा जाता था। लेकिन इस बार प्रक्रिया में बदलाव करते हुए इसे सीधे प्रदेश स्तर पर भेजने का प्रावधान किया गया है। पैनल के नामों पर आम सहमति बनाने का प्रयास होगा। यदि सहमति नहीं बनती, तो मतदान कराया जाएगा। यह बदलाव संगठन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन लाने के उद्देश्य से किया गया है।
संगठन चुनाव की नई शर्तें और नियम
भाजपा ने इस बार संगठन चुनाव के लिए कई महत्वपूर्ण शर्तें और नियम लागू किए हैं, ताकि बाहरी और दागी नेताओं को संगठन में प्रवेश से रोका जा सके।
- सक्रिय सदस्यता का नियम:
मंडल और जिलाध्यक्ष पद के लिए केवल वे नेता पात्र होंगे, जो 2019 और 2024 दोनों में सक्रिय सदस्य रहे हों। इससे हाल ही में अन्य दलों से भाजपा में शामिल हुए नेता स्वतः ही इस प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। - अनुशासन का पालन अनिवार्य:
जिन नेताओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई है, वे इस बार संगठन चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे। - पदाधिकारी का अनुभव जरूरी:
मंडल और जिला अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार को पहले से ही मंडल या जिला स्तर पर किसी पद पर रहना अनिवार्य है। इससे संगठन के अनुभवी और समर्पित कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिलेगी। - दागी नेताओं पर रोक:
भाजपा की यह पहल संगठन को दागी और विवादित छवि वाले नेताओं से मुक्त रखने की है। इसके तहत बाहरी और विवादास्पद छवि वाले नेताओं को संगठन के शीर्ष पदों से दूर रखा जाएगा।
संगठन चुनाव की समयसीमा
भाजपा ने संगठन चुनाव के लिए समयसीमा तय कर दी है। 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों का चुनाव और 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्षों का चुनाव पूरा किया जाना है। इससे पहले, सदस्यता अभियान और बूथ कमेटियों का गठन सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। अब 1918 मंडलों और 98 जिलों में अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया जारी है।
संगठन को मजबूत बनाने का उद्देश्य
भाजपा का मानना है कि संगठन की मजबूती ही पार्टी की नींव को मजबूत करती है। जितनी मजबूत बूथ और मंडल इकाइयां होंगी, उतना ही पार्टी का जनाधार बढ़ेगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संगठन चुनाव में पारदर्शिता और अनुशासन को प्राथमिकता दी गई है।
चुनाव प्रक्रिया में नेताओं का प्रदर्शन महत्वपूर्ण
भाजपा ने स्पष्ट किया है कि जिन नेताओं के क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न होगी, उनके प्रदर्शन को संगठन के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। यह भविष्य में उनकी योग्यता और कार्यक्षमता का आधार बनेगा।
बाहरी और दागी नेताओं के लिए संदेश साफ
पार्टी ने यह सुनिश्चित किया है कि दूसरी पार्टियों से आए नेता और विवादास्पद छवि वाले व्यक्ति संगठन के शीर्ष पदों तक न पहुंच सकें। 2019 और 2024 की सक्रिय सदस्यता की शर्त ने ऐसे नेताओं को स्वाभाविक रूप से बाहर कर दिया है।
भाजपा की मजबूत इकाइयों का निर्माण
भाजपा ने हाल ही में संगठन पर्व के तहत सदस्यता अभियान चलाया और बूथ कमेटियों का गठन किया। अब मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव कराकर पार्टी अपनी इकाइयों को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
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