Corruption Free India News : किसानों की जेल से रिहाई और मुआवजे के लिए सौंपा ज्ञापन, करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने उठाई आवाज, किसानों की मांगें मुआवजा और भूखंड आवंटन
सूरजपुर, रफ्तार टुडे। करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने शुक्रवार को गौतम बुध नगर के शांतिपूर्ण आंदोलनरत किसानों की जेल से तुरंत रिहाई और 64% अतिरिक्त मुआवजा व 10% भूखंड आवंटन के लिए जिलाधिकारी मनीष वर्मा से मुलाकात की। संगठन के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी विवेकानंद मिश्रा को सौंपते हुए किसानों की लंबित समस्याओं के समाधान की मांग की।
किसानों की मांगें: मुआवजा और भूखंड आवंटन
करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय और आलोक नागर ने बताया कि ग्रेटर नोएडा, नोएडा, और यमुना प्राधिकरण के किसान पिछले लंबे समय से 64% अतिरिक्त मुआवजा और 10% भूखंड आवंटन की मांग कर रहे हैं। इसके लिए किसान शांतिपूर्ण आंदोलन और धरनों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते अब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो सकी हैं। किसानों ने जीरो पॉइंट पर धरना देकर अपनी आवाज उठाई थी, लेकिन प्रशासन ने रात के अंधेरे में कार्रवाई करते हुए लगभग 42 किसानों को जेल भेज दिया।
प्रशासन के साथ वार्ता
करप्शन फ्री इंडिया संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी मनीष वर्मा से मुलाकात कर किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। जिलाधिकारी ने जल्द से जल्द किसानों को रिहा करने का आश्वासन दिया।
संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि:
- किसानों को तुरंत जेल से रिहा किया जाए।
- 64% अतिरिक्त मुआवजा और 10% भूखंड आवंटन की लंबित मांगों को तत्काल पूरा किया जाए।
- भविष्य में किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलनों पर प्रशासन द्वारा कठोर कार्रवाई न की जाए।
किसानों की आवाज बनी करप्शन फ्री इंडिया संगठन
चौधरी प्रवीण भारतीय ने बताया कि गौतम बुद्ध नगर के किसान अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। संगठन किसानों के हर मुद्दे पर उनके साथ खड़ा है और प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की मांग कर रहा है कि किसानों को उनका वाजिब हक मिले।
संगठन के सदस्य मास्टर दिनेश नागर, बलराज हूंन, प्रेम प्रधान, कुलबीर भाटी, पिंटू मास्टर, एडवोकेट कपिल कसाना, और प्रतीक नागर ने भी ज्ञापन सौंपने के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
किसानों के अधिकारों की अनदेखी पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब गौतम बुद्ध नगर के किसानों ने मुआवजे और भूखंड की मांग उठाई है। किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण और प्रशासन उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रहा है।
64% अतिरिक्त मुआवजा: यह किसानों के साथ किए गए समझौते का हिस्सा है, जिसे अब तक लागू नहीं किया गया है।
10% भूखंड आवंटन: किसानों का कहना है कि यह उनका कानूनी अधिकार है, जिसे न देने से उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर किसानों की मांगों को जल्द नहीं माना गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। प्रवीण भारतीय ने कहा कि, “यह आंदोलन केवल किसानों का नहीं, बल्कि उनके अधिकारों और न्याय के लिए है। हम इसे सफल बनाकर रहेंगे।”
किसानों के समर्थन में जुट रहे लोग
किसानों की मांगों को लेकर न केवल स्थानीय संगठन बल्कि अन्य क्षेत्रों से भी समर्थन मिल रहा है। यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
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