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Diwali On 1 November in Ayodhya & Maa Vaishno Devi Mandir : “मां वैष्णो देवी मंदिर, अयोध्या में 1 नवंबर को मनेगी दिवाली, धर्म सभा में लिया गया ऐतिहासिक निर्णय, इंदौर के संस्कृति विश्वविद्यालय का समर्थन”

अयोध्या, रफ़्तार टुडे। मां वैष्णो देवी मंदिर कटरा, राम नगरी अयोध्या में दिवाली की तारीख को लेकर एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। देशभर के प्रमुख विद्वान, ज्योतिषाचार्य, और धार्मिक गुरुओं ने धर्म सभा में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि इस वर्ष अयोध्या में दिवाली का पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा। इस निर्णय को इंदौर के संस्कृति विश्वविद्यालय ने भी समर्थन देते हुए 1 नवंबर को दिवाली मनाने की घोषणा की है।

धर्म सभा में विद्वानों की बैठक

धर्म सभा का आयोजन इंदौर तथा अयोध्या में हुआ, जिसमें देशभर से आए ज्योतिषाचार्य और धार्मिक विद्वानों ने हिस्सा लिया। इस सभा में गहन चर्चा के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि पंचांग के अनुसार, 1 नवंबर की तिथि 6. 15 से पहले दिवाली पूजा होगी। सभा में यह भी स्पष्ट किया गया कि इस निर्णय का उद्देश्य धार्मिक परंपराओं और शास्त्रों के आधार पर दिवाली को सही तिथि पर मनाना है, ताकि देशभर में एकसमान धार्मिक भाव का संचार हो सके।

संस्कृति विश्वविद्यालय का समर्थन

इंदौर के संस्कृति विश्वविद्यालय ने इस निर्णय का स्वागत किया है और अपने विश्वविद्यालय परिसर में 1 नवंबर शाम 6:15 बजे दिवाली पूजा दिवाली का उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि यह निर्णय धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और इसका पालन पूरे देश को करना चाहिए। विश्वविद्यालय ने सभी विद्यार्थियों और कर्मचारियों से अपील की है कि वे 1 नवंबर को दिवाली पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाएं और इसे एक नई परंपरा की शुरुआत के रूप में देखें।

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धर्म शास्त्रों का महत्व और निर्णय की पृष्ठभूमि

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, हिंदू धर्म शास्त्रों में दिवाली का पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। पंचांग की गणनाओं के आधार पर इस बार दीपावली के शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को पड़ रहे हैं। धर्म सभा में यह भी चर्चा हुई कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से तिथियों के अनुसार त्योहारों को मनाना अनिवार्य होता है, और इस बार 1 नवंबर को दीप पर्व का विशेष महत्त्व बताया गया है।

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विद्वानों और संतों का आह्वान

धर्म सभा के बाद विभिन्न संतों और धार्मिक गुरुओं ने देशवासियों से अपील की कि वे इस वर्ष 1 नवंबर को दिवाली का पर्व मनाएं। उनका कहना है कि यह निर्णय शास्त्रों और पंचांग के आधार पर लिया गया है, जिससे धार्मिक परंपराओं का सम्मान हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या जैसे पवित्र स्थल से लिए गए इस निर्णय को देशभर में अपनाया जाना चाहिए।

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अयोध्या में विशेष तैयारी

अयोध्या प्रशासन ने भी इस निर्णय के बाद 1 नवंबर को दिवाली मनाने के लिए विशेष तैयारी शुरू कर दी है। राम की पैड़ी, सरयू तट और अन्य पवित्र स्थलों को दीपों से सजाने की योजना बनाई जा रही है। अयोध्या में हर साल की तरह इस बार भी भव्य दीपोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें लाखों दीयों से शहर को जगमगाया जाएगा। साथ ही, इस आयोजन में संतों, महंतों, और अन्य धार्मिक गुरुओं की उपस्थिति भी रहेगी।

देशभर में नए सिरे से शुरू हो सकती है परंपरा

इस निर्णय से देशभर में एक नई परंपरा शुरू होने की संभावना है, जिसमें धार्मिक आयोजनों और त्योहारों को पंचांग के अनुसार मनाने पर जोर दिया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों का मानना है कि यह कदम धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए अहम है।


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