DND Flyover News : “डीएनडी फ्लाईवे टोल-फ्री घोषित, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई मुहर, जनता को बड़ी राहत”, फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने बताया जनता की जीत
नई दिल्ली/नोएडा, रफ्तार टुडे। दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले प्रतिष्ठित डीएनडी फ्लाईवे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2016 के ऐतिहासिक फैसले को बरकरार रखते हुए डीएनडी फ्लाईवे को पूरी तरह टोल-फ्री करने का आदेश दिया है। यह फैसला जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि अब इस मार्ग पर किसी भी वाहन से टोल वसूली नहीं की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि डीएनडी फ्लाईवे के निर्माण में आई लागत और कंपनी को मिलने वाला मुनाफा, ब्याज आदि पूरी तरह वसूला जा चुका है। कोर्ट ने कहा, “अब जनता से टोल वसूली करना अनुचित है। यह फ्लाईवे जनता की सेवा के लिए है, न कि मुनाफा कमाने के लिए।”
इस फैसले के बाद डीएनडी फ्लाईवे पर टोल प्लाजा को हटाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस फैसले का पालन पूरी तरह से हो।
2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश
डीएनडी फ्लाईवे पर टोल वसूली को लेकर विवाद 2012 में शुरू हुआ था। इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर 2016 में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था कि कंपनी अपनी लागत से अधिक वसूली कर चुकी है और अब जनता से किसी भी प्रकार का टोल नहीं लिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह सुनिश्चित करे कि डीएनडी पर टोल वसूली स्थायी रूप से बंद हो। इस आदेश के बाद डीएनडी पर टोल वसूली बंद कर दी गई थी, लेकिन कंपनी ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
डीएनडी फ्लाईवे: एक नजर
डीएनडी (दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट) फ्लाईवे की शुरुआत 2001 में हुई थी। यह दिल्ली और नोएडा के बीच यातायात के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। इसे नोएडा प्राधिकरण और नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) के बीच हुए समझौते के तहत बनाया गया था।
शुरुआत से ही इस फ्लाईवे पर टोल वसूला जा रहा था। लेकिन 2012 में सवाल उठे कि कंपनी अपनी लागत से ज्यादा पैसा वसूल चुकी है। इसके बाद फोनरवा (फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन) और अन्य संगठनों ने डीएनडी को टोल-फ्री करने की मांग की।
फोनरवा की जीत
फोनरवा के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “यह जनता के हित में एक ऐतिहासिक फैसला है। डीएनडी पर टोल वसूली से जनता को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा था। यह फैसला न्याय और पारदर्शिता की जीत है।”
टोल विवाद का सफर
2001: डीएनडी फ्लाईवे की शुरुआत।
2012: फोनरवा ने टोल वसूली को चुनौती दी।
2016: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डीएनडी को टोल-फ्री घोषित किया।
2024: सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
क्या होगा जनता को फायदा?
इस फैसले के बाद प्रतिदिन लाखों वाहन चालक डीएनडी फ्लाईवे पर टोल फ्री होकर आवागमन कर सकेंगे। इससे न केवल आर्थिक बचत होगी, बल्कि ट्रैफिक के दबाव में भी कमी आएगी।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और संबंधित प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि डीएनडी पर टोल वसूली पूरी तरह से बंद रहे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब इस मामले में कोई विवाद नहीं होना चाहिए।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर जनता ने इसे एक बड़ी जीत बताया। लोग #TollFreeDND और #SupremeCourtDecision जैसे हैशटैग का उपयोग करके अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
डीएनडी का निर्माण: 2001
टोल वसूली बंद: 2016
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश: 2024
प्रभावित वाहन चालकों की संख्या: लाखों
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