ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत 86 किसानों को सोमवार को जमानत मिल गई है। रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और जल्द ही ये किसान जेल से बाहर आएंगे। बता दें कि इससे पहले 123 किसानों को रिहा किया जा चुका है।
रविवार को ग्रेटर नोएडा के लगभग 300 किसान मुजफ्फरनगर के सिसौली में आयोजित पंचायत में शामिल हुए थे। वहीं, सोमवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी ने वीडियो जारी कर किसानों के पक्ष में बार एसोसिएशन द्वारा की गई कानूनी लड़ाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो अलग-अलग थानों से जेल भेजे गए कुल 86 किसानों को जमानत मिल गई है।
किसानों की जमीन और भूखंड से जुड़ी बड़ी खबरें
615 किसानों को जल्द मिलेगा आबादी भूखंड
किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए शासन ने राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में मेरठ मंडलायुक्त और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए 7 दिसंबर को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, पुलिस और प्रशासन के साथ बैठक कर निर्देश दिए। इसके तहत प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने भूलेख विभाग को निर्देशित किया कि 7 गांवों के 615 किसानों को जल्द से जल्द भूखंड आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाए।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि जिन 7 गांवों के किसानों को भूखंड आवंटित किए जाएंगे, वे हैं:
सैनी
सिरसा
पतवाड़ी
थापखेड़ा
घंघोला
रोजा याकूबपुर
इटैहरा
पात्रता सूची के प्रकाशन और सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब एक महीने के भीतर किसानों को आबादी भूखंड आवंटित करने की तैयारी की जा रही है।
62 गांवों के किसानों की पात्रता पर लगेगी मुहर
उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए 62 गांवों के 3532 किसानों की पात्रता तय करने के लिए 14 दिसंबर से विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
पहले दिन सिराजपुर और कैलाशपुर गांवों में शिविर लगाए जाएंगे।
शिविर सुबह 11 बजे से गांवों के सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित किए जाएंगे, जहां ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग के एसडीएम या ओएसडी और तहसीलदार स्तर के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
पात्रता तय करने के लिए जरूरी दस्तावेज:
नक्शा-11
आधार प्रमाणपत्र
आवेदन पत्र
मूल किसान के जीवित न रहने पर वारिसान प्रमाणपत्र
एसीईओ ने बताया कि आबादी भूखंडों के लिए वही किसान पात्र होगा,
जिसका नाम 28 जनवरी 1991 से पहले खतौनी में दर्ज हो।
जो यहां का मूल निवासी हो।
लीजबैक प्रक्रिया में तेजी
लीजबैक से जुड़े मामलों में, जिन किसानों के प्रकरण शासन द्वारा सही पाए गए हैं, उनकी लीज डीड करने की अनुमति दे दी गई है। संबंधित किसानों को पत्र जारी कर दिए गए हैं। एक सप्ताह के भीतर इनकी प्रक्रिया पूरी कर लीज डीड कराई जाएगी।
बार एसोसिएशन की भूमिका
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी ने किसानों की जमानत सुनिश्चित करने के लिए अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा,
“किसानों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। किसानों के हित में हर संभव कानूनी सहायता दी जाएगी।”
किसान आंदोलन और प्रशासन की प्रतिक्रिया
ग्रेटर नोएडा में चल रहे किसान आंदोलन में सरकार और प्रशासन के बीच संवाद का सिलसिला जारी है। किसानों की मांगों पर तेजी से अमल करने के लिए समिति द्वारा सिफारिशें लागू की जा रही हैं।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा,
“किसानों के सभी जायज़ मामलों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। भूखंड आवंटन और लीजबैक प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है।”
सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन की चर्चा
किसान आंदोलन और जमानत मिलने की खबर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। #KisanAndolan, #GreaterNoidaFarmers, और #LandAllocation जैसे हैशटैग्स पर लोगों ने अपनी राय व्यक्त की।
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