BREAKING NEWS : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस, देश में शोक की लहर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया
नई दिल्ली, रफ्तार टुडे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के उत्कृष्ट अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह को शाम के समय सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तमाम प्रयासों के बावजूद, डॉक्टर उन्हें बचाने में असमर्थ रहे और उन्होंने अंतिम सांस ली।
राष्ट्रीय क्षति
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर पूरा देश शोक में डूब गया है। वह भारतीय राजनीति में शालीनता, निष्ठा और कार्यकुशलता के प्रतीक माने जाते थे। उनके नेतृत्व में भारत ने न केवल आर्थिक सुधारों की दिशा में बड़े कदम उठाए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाई।
एम्स में भर्ती होने के बाद की स्थिति
डॉ. सिंह को आज शाम सांस लेने में परेशानी और स्वास्थ्य संबंधी अन्य जटिलताओं के चलते एम्स में भर्ती कराया गया। उन्हें तुरंत इमरजेंसी विभाग (आईसीयू) में शिफ्ट किया गया, जहां डॉक्टरों की एक टीम ने उनके स्वास्थ्य को स्थिर करने की कोशिश की।
एम्स के सूत्रों के अनुसार, उनकी स्थिति गंभीर थी, और तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
देश में शोक की लहर
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर के बाद से राजनीतिक जगत, उद्योग जगत और आम नागरिकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का निधन पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अन्य शीर्ष नेताओं ने भी संवेदना व्यक्त की।
डॉ. मनमोहन सिंह: एक महान नेता और दूरदर्शी अर्थशास्त्री
डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी और भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया।
उन्होंने 1991 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में उदारीकरण की नीतियां लागू कीं, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
अर्थशास्त्र से राजनीति तक का सफर
जन्म: 26 सितंबर 1932, गाह, पंजाब (अब पाकिस्तान में)।
शिक्षा: प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों से।
प्रारंभिक करियर: अर्थशास्त्री और नौकरशाह के रूप में।
महत्वपूर्ण योगदान:
1991 में आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार।
10 वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री।
राष्ट्रीय शोक की घोषणा
सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। अगले सात दिनों तक देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। उनके अंतिम संस्कार की तैयारी एम्स से हो रही है।
देशभर से श्रद्धांजलि
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान कांग्रेस और देश के लिए अविस्मरणीय रहेगा।”
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “मनमोहन जी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत और राष्ट्रीय क्षति है।”
वैश्विक नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया।
डॉ. मनमोहन सिंह को हमेशा याद किया जाएगा
डॉ. सिंह का व्यक्तित्व, उनकी सादगी, और उनके आर्थिक दृष्टिकोण ने उन्हें एक अद्वितीय नेता बनाया। उनके निधन के साथ भारत ने एक महान नेता, अर्थशास्त्री और प्रेरक व्यक्तित्व खो दिया है।
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