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Galgotia University News : गलगोटिया विश्वविद्यालय ने किसान दिवस पर “उन्नत कृषि कार्यशाला” का आयोजन, छात्रों को दिया सस्टेनेबल कृषि का व्यावहारिक ज्ञान

सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा “हम शिक्षा को बदलाव का माध्यम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कार्यशाला जलवायु परिवर्तन का सामना करने और कृषि स्थिरता को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी।”

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर ने एसडी कन्या इंटर कॉलेज, बिलासपुर में एक प्रभावशाली “उन्नत कृषि कार्यशाला” का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवाचारों और सतत विकास तकनीकों को बढ़ावा देना था।


कार्यक्रम के मुख्य बिंदु

  1. मधुमक्खी पालन (Bee-Keeping):

डॉ. रविंद्र कुमार ने मधुमक्खी पालन की तकनीकों पर लाइव प्रदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि यह तकनीक न केवल पर्यावरण संरक्षण में मददगार है, बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए आय का एक सशक्त स्रोत भी है।

  1. वर्मीकंपोस्टिंग:

डॉ. कमलकांत यादव ने जैविक कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया को सरल तरीके से समझाया। उनके सत्र ने छात्रों को पर्यावरण के अनुकूल खेती की तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

  1. वर्टिकल गार्डनिंग:

डॉ. हेमलता ने सीमित स्थान में खेती करने की संभावनाओं को वर्टिकल गार्डनिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने यह भी बताया कि शहरी क्षेत्रों में यह तकनीक किस प्रकार खाद्य सुरक्षा में योगदान दे सकती है।

  1. छात्रों के प्रोजेक्ट प्रदर्शन:

कार्यक्रम के दौरान एसडी कन्या इंटर कॉलेज के छात्रों ने इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम्स पर अपने प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया, जो दर्शकों और विशेषज्ञों द्वारा सराहे गए।


कार्यशाला के दौरान विचार

प्रधानाचार्या श्रीमती ममता शर्मा ने कहा:
“गलगोटिया विश्वविद्यालय ने इस कार्यशाला के माध्यम से शिक्षा को व्यावहारिक और प्रेरणादायक बनाया है। इससे हमारे छात्रों को कृषि को करियर के रूप में अपनाने की नई प्रेरणा मिली है।”

कॉलेज अध्यक्ष यश कुमार ने कहा:
“यह कार्यक्रम आधुनिक कृषि तकनीकों से लैस युवाओं की नई पीढ़ी तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

गलगोटिया विश्वविद्यालय के चांसलर श्री सुनील गलगोटिया ने कहा:
“यह पहल हरित और आत्मनिर्भर भारत के हमारे सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।”

सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा:
“हम शिक्षा को बदलाव का माध्यम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कार्यशाला जलवायु परिवर्तन का सामना करने और कृषि स्थिरता को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी।”


गलगोटिया विश्वविद्यालय का योगदान

गलगोटिया विश्वविद्यालय कृषि समुदायों के साथ जुड़कर उन्हें व्यावहारिक समाधान और उन्नत तकनीकों का ज्ञान प्रदान करता है। इस तरह के कार्यक्रम कृषि और शिक्षा के बीच की खाई को पाटने का काम करते हैं।


कार्यक्रम का महत्व

यह कार्यशाला युवाओं को न केवल सस्टेनेबल कृषि के व्यावहारिक पक्ष से परिचित कराने में सफल रही, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और पर्यावरण-संवेदनशील बनने के लिए प्रेरित भी किया।


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