Galgotia University News : “गलगोटिया विश्वविद्यालय ने शिक्षा में लहराया परचम, एक्टिव लर्निंग भवन के उद्घाटन से शुरू हुई नई क्रांति, स्मार्ट क्लासरूम से होगा छात्रों का सर्वांगीण विकास”
चांसलर श्री सुनील गलगोटिया ने कहा, "यह भवन शिक्षा के क्षेत्र में हमारे प्रयासों का प्रतिबिंब है। हम चाहते हैं कि हर छात्र अपने जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करे और देश का गौरव बढ़ाए।" सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि यह पहल पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा के बीच की खाई को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। गलगोटिया विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए आधुनिक सुविधाओं से लैस एक्टिव लर्निंग भवन का लोकार्पण किया। इस भवन का निर्माण छात्रों को 21वीं सदी के कौशल और नवाचार के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किया गया है। न केवल यह भवन तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि इसमें सहयोगात्मक और सक्रिय शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। यह परियोजना प्रधानमंत्री के “आधुनिक शिक्षा के भारत” के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
भवन का उद्घाटन: शिक्षा में नया युग
गलगोटिया विश्वविद्यालय का यह भवन एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे शिक्षा को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ा जा सकता है। इसमें स्मार्ट क्लासरूम, हाई-टेक इन्फ्रास्ट्रक्चर, और छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई सुविधाएं हैं। इस अवसर पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रमुख वक्ताओं और शिक्षाविदों ने भाग लिया, जिसमें नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (NTU), सिंगापुर, क्यूएस क्वाक्वारेली सिमंड्स, और टाइम्स हायर एजुकेशन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
संगोष्ठी में पेश किए गए विचार और प्रेरणा
संगोष्ठी में वक्ताओं ने शिक्षा के बदलते स्वरूप, सक्रिय शिक्षण और प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर चर्चा की।
- प्रोफेसर गण ची लिप ने NTU की अद्वितीय परिवर्तन यात्रा पर चर्चा की।
- डॉ. हो शेन योंग ने शिक्षा में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के उपयोग और चुनौतियों पर संतुलित विचार प्रस्तुत किए।
- प्रोफेसर रिचर्ड जेम्स ने गलगोटिया विश्वविद्यालय के “छात्र-केंद्रित सक्रिय शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र” की सराहना की।
- एसोसिएट प्रोफेसर इयान डिक्सन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रॉस-कल्चरल स्टोरीटेलिंग के माध्यम से नवाचार के महत्व पर जोर दिया।
आधुनिक शिक्षा का नया मॉडल
गलगोटिया विश्वविद्यालय ने इस भवन को “कक्षा में कोई बैकबेंचर नहीं होगा” की अवधारणा पर आधारित बनाया है। इस भवन में ऐसे स्मार्ट क्लासरूम हैं, जो छात्रों को टीमवर्क, रचनात्मकता, और समस्या-समाधान कौशल सिखाने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
चांसलर श्री सुनील गलगोटिया ने कहा, “यह भवन शिक्षा के क्षेत्र में हमारे प्रयासों का प्रतिबिंब है। हम चाहते हैं कि हर छात्र अपने जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करे और देश का गौरव बढ़ाए।”
सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि यह पहल पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा के बीच की खाई को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सांस्कृतिक और शैक्षिक संगम
कार्यक्रम के दौरान भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन भी किया गया। विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य और कला रूपों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन केवल शिक्षा तक सीमित नहीं था, बल्कि भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को भी दर्शाता था।
शिक्षा में बदलाव का केंद्र
यह एक्टिव लर्निंग भवन गलगोटिया विश्वविद्यालय को वैश्विक शिक्षा के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस भवन का उद्देश्य छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से बल्कि नैतिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाना है।
अगले कदम और भविष्य की योजनाएं
गलगोटिया विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि आने वाले वर्षों में और भी अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। यह भवन शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार का प्रतीक बनेगा और छात्रों को वैश्विक मानकों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करेगा।
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