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BJP Gautambudh Nagar News : गौतम बुद्ध नगर भाजपा अध्यक्ष पद की रेस, गजेंद्र मावी का दूसरा कार्यकाल या नए चेहरे का उदय? , संगठन चुनावों में दावेदारों की लंबी सूची, सियासी समीकरणों की गूंज, ब्राह्मण और गुर्जरों में तय होना है अगला जिला अध्यक्ष

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडेभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गौतम बुद्ध नगर जिले में संगठनात्मक चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों की लंबी कतार ने स्थानीय सियासत को नई ऊर्जा दी है। चर्चाओं में है कि क्या वर्तमान जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी का दूसरा कार्यकाल तय है, या फिर इस बार भाजपा किसी नए नेता पर भरोसा जताएगी?

भाजपा के संगठन चुनाव: तारीखें और प्रक्रियाएं

भाजपा ने संगठन चुनावों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 30 नवंबर तक बूथ अध्यक्ष और समितियों का गठन पूरा कर लिया जाएगा।

15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष चुने जाएंगे

जनवरी के पहले सप्ताह या फरवरी के अंत तक जिला अध्यक्ष पद के लिए नए चेहरे का चयन हो सकता है।

इन चुनावों की देखरेख के लिए प्रदेश मंत्री और एमएलसी विजय शिवहरे को अधिकारी नियुक्त किया गया है। पार्टी नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव की प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के तहत हो।

गजेंद्र मावी: क्यों मजबूत है उनकी दावेदारी?

वर्तमान जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी का कार्यकाल अभी अधूरा है। संगठन और क्षेत्रीय नेताओं जैसे प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी वेस्ट UP के अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया, राष्ट्रीय मंत्री सुरेंद्र नागर, MLA तेजपाल नागर, विधायक धीरेंद्र सिंह, और भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री किसान मोर्चा प्रणीत भाटी के साथ उनकी करीबी संबंध उनकी स्थिति को मजबूत करते हैं।
भाजपा का संविधान यह स्पष्ट करता है कि किसी नेता को लगातार दो कार्यकाल तक अध्यक्ष बने रहने की अनुमति है। गजेंद्र मावी का पहला कार्यकाल संगठनात्मक मजबूती और नेतृत्व क्षमता के लिए सराहा गया है। और उनके कार्यकाल में भी लोकसभा चुनाव 2024 जीत कर आए है।

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दावेदारों की लंबी फेहरिस्त: कौन-कौन हैं मैदान में?

गौतम बुद्ध नगर में अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

अभिषेक शर्मा

अभिषेक शर्मा का नाम पिछले चुनाव में भी चर्चा में था, लेकिन अंतिम समय पर वह पद पाने से चूक गए। उनके सांसद डॉ. महेश शर्मा, एमएलसी श्रीचंद शर्मा, और विधायक तेजपाल नागर के साथ अच्छे संबंध उनकी दावेदारी को मजबूत करते हैं। हालांकि, पार्टी में उनका विरोधी गुट भी काफी मजबूत है। और पिछली बार वह बनते बनते रह गए इसके पीछे वजह से बहुत है लेकिन उनके दुश्मन भी ज्यादा है और बीरबल की उपाधि से मशहूर नेता ने उन्हें बनने नहीं दिया

जिला उपाध्यक्ष सेवानंद शर्मा

वर्तमान जिला उपाध्यक्ष सेवानंद शर्मा का नाम भाजपा में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरा है। उनके स्थानीय सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ करीबी संबंध उनकी दावेदारी को और धार देते हैं।, और उनके संगठन में भी काफी अच्छ पकड़ है। जिले में सच्चे कार्यकर्ता के रूप में फेमस सेवानंद शर्मा अपनी पुनः दावदारी ठोक रहे है।

जिला उपाध्यक्ष सत्येंद्र नागर

सत्येंद्र नागर वर्तमान में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले भी वह भाजपा में जिला महामंत्री रह चुके है। कोरोना काल में उनकी सक्रियता और संगठन के प्रति समर्पण ने उन्हें पार्टी के अंदर एक मजबूत पहचान दी है। उनकी केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार में काफी अच्छी पकड़ है और वह RSS के चाणक्य समझे जाने वाले से भी अच्छी जान पहचान है। इन सभी तथ्यों के मद्देनजर पार्टी में जोरों से चर्चा चल रही है कि इस बार भी सत्येंद्र नागर को गौतम बुध नगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

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पूर्व भाजयुमो जिला अध्यक्ष अतुल शर्मा (एडवोकेट)

भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष अतुल शर्मा ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सांसद डॉ. महेश शर्मा के साथ उनकी करीबी और पार्टी के लिए उनके योगदान ने उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाया है।

जिला उपाध्यक्ष राहुल पंडित और इंद्र नागर

यदि बात की जाए राहुल पंडित की तो उनकी भी अच्छे संबंध है सांसद डॉ महेश शर्मा से एमएलसी श्री श्रीचंद शर्मा से राहुल पंडित का नाम भी दावेदारों की सूची में शामिल है। इंद्र नागर के राजनाथ सिंह और उनके बेटे पंकज सिंह, तथा सांसद गौतम नगर डॉक्टर महेश शर्मा से के साथ मजबूत संबंध उनकी दावेदारी को और बल देते हैं। उनके लिए जिला अध्यक्ष बनने के लिए भाग्य खोल सकता है

मुकेश नागर

भाजपा के वर्तमान जिला उपाध्यक्ष मुकेश नागर और वरिष्ठ नेता करतार सिंह चौहान का नाम भी चर्चाओं में है।भाजपा नेता मुकेश नगर वर्तमान में भाजपा के गौतम बुध नगर उपाध्यक्ष रहे है उनका भी दबदबा कायम है।

क्या भाजपा बदलेगी अपना संविधान?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि गजेंद्र मावी को दूसरा कार्यकाल मिलता है, तो क्या यह भाजपा के संविधान में बदलाव जैसा होगा? पार्टी सूत्रों का मानना है कि संगठन के संविधान को बिना बदले भी यह संभव है, क्योंकि मावी का कार्यकाल आधिकारिक रूप से पूरा नहीं हुआ है।

भाजपा में सियासी समीकरण और भविष्य की चुनौतियां

गौतम बुद्ध नगर में अध्यक्ष पद के लिए ब्राह्मण और गुर्जर समुदाय के बीच संतुलन साधना भाजपा के लिए एक चुनौती होगी। संगठन के अंदर गुटबाजी और विरोधी गुटों के बीच तालमेल बिठाने का काम भी पार्टी नेतृत्व के लिए अहम रहेगा।

रफ़्तार टुडे का विश्लेषण

गौतम बुद्ध नगर की राजनीति को करीब से जानने वाले रफ़्तार टुडे के संवाददाताओं का मानना है कि अध्यक्ष पद के लिए गजेंद्र मावी और अन्य दावेदारों के बीच मुकाबला कड़ा रहेगा। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व और संगठनात्मक समीकरणों पर निर्भर करेगा।

अध्यक्ष चुनाव की अहमियत

गौतम बुद्ध नगर में भाजपा अध्यक्ष का चुनाव सिर्फ एक पद के लिए नहीं, बल्कि संगठन की दिशा तय करने वाला कदम है। यह चुनाव न सिर्फ पार्टी की स्थानीय पकड़ को मजबूत करेगा, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भी संगठन को तैयार करेगा

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