Greater Noida Authority ACEO News : 31 दिसंबर तक पेंडिंग फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं तो राहत पैकेज पर लग जाएगी ताला!, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का सख्त आदेश, ACEO सौम्या श्रीवास्तव की नया आदेश
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट खरीदारों की लंबित समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के लिए बिल्डरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने गुरुवार को बिल्डरों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि अगर 31 दिसंबर 2024 तक पेंडिंग फ्लैटों की रजिस्ट्री पूरी नहीं हुई, तो प्राधिकरण द्वारा दी गई अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर आधारित राहत पैकेज वापस ले लिया जाएगा।
पेंडिंग रजिस्ट्री: खरीदारों पर आर्थिक बोझ का संकट
ग्रेटर नोएडा के लगभग 76 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में अब भी 7000 से अधिक फ्लैटों की रजिस्ट्री पेंडिंग है। प्राधिकरण ने खरीदारों को राहत देने के लिए कई नीतियां बनाई थीं, लेकिन बिल्डरों की उदासीनता के चलते यह प्रक्रिया अधूरी रह गई। एसीईओ ने कहा, “खरीदारों को उनके हक से वंचित रखना अब बर्दाश्त नहीं होगा। 31 दिसंबर के बाद ऐसे बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
विलंब शुल्क (डिले पेनल्टी) से राहत की अंतिम तिथि 21 जनवरी 2025 निर्धारित की गई है। इस समय सीमा के बाद खरीदारों को रजिस्ट्री में देरी का अतिरिक्त आर्थिक भार उठाना पड़ सकता है।
एनओसी शुल्क वसूलने पर लगेगी रोक
एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के नाम पर खरीदारों से अधिक शुल्क वसूलने वाले बिल्डरों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “यह अवैध वसूली तुरंत बंद होनी चाहिए।” यदि बिल्डर इस निर्देश का पालन नहीं करते हैं, तो प्राधिकरण उनके खिलाफ आवंटन रद्द करने और अन्य कानूनी कार्रवाई करेगा।
बैठक में हुई अहम चर्चा
गुरुवार को प्राधिकरण के बोर्ड रूम में आयोजित इस बैठक में बिल्डर विभाग की तरफ से प्रोजेक्टवार स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई। इसमें यह स्पष्ट किया गया कि कई बिल्डर जानबूझकर रजिस्ट्री प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं। बैठक में मौजूद सीईओ एनजी रवि कुमार ने भी इस मुद्दे पर कड़ी आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा, “यह आखिरी मौका है। अगर बिल्डरों ने समय पर कार्रवाई नहीं की, तो उन्हें राहत पैकेज वापस लेना पड़ेगा।” एसीईओ ने बिल्डरों से यह भी कहा कि फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में लापरवाही करने वाले प्रोजेक्ट्स के आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
प्राधिकरण की योजनाएं और आंकड़े
ग्रेटर नोएडा में कुल 98 प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमें से 76 प्रोजेक्ट्स को राहत नीति का लाभ दिया गया था। इन परियोजनाओं में लगभग 62912 फ्लैट हैं, जिनमें से 38661 फ्लैटों को कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र (OC) मिल चुका है।
अब तक लगभग 31600 फ्लैटों की रजिस्ट्री की जा चुकी है, जबकि 7000 से अधिक फ्लैटों की रजिस्ट्री अब भी लंबित है। प्राधिकरण चाहता है कि 21 जनवरी 2025 से पहले ये सभी रजिस्ट्रियां पूरी हो जाएं, ताकि खरीदारों को डिले पेनल्टी से बचाया जा सके।
सबसे ज्यादा पेंडिंग रजिस्ट्री वाले प्रोजेक्ट्स
प्राधिकरण का उद्देश्य: खरीदारों को राहत देना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की प्राथमिकता है कि खरीदारों को उनके फ्लैटों की रजिस्ट्री में किसी प्रकार की देरी का सामना न करना पड़े। एसीईओ ने कहा, “हम चाहते हैं कि खरीदारों को उनका हक मिले और वे डिले पेनल्टी जैसी समस्याओं से बच सकें। इसके लिए प्राधिकरण हर संभव कदम उठाएगा।“
बिल्डरों के लिए आखिरी मौका
एसीईओ ने बिल्डरों को दो टूक कह दिया है कि 31 दिसंबर 2024 तक पेंडिंग रजिस्ट्रियां पूरी नहीं हुईं, तो राहत पैकेज वापस ले लिया जाएगा। इसके अलावा, रजिस्ट्री में देरी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
बायर्स की उम्मीदें बढ़ीं
इस कदम से खरीदारों को अपने फ्लैटों की जल्द रजिस्ट्री होने की उम्मीद जगी है। खरीदारों का कहना है कि अगर प्राधिकरण इसी सख्ती से काम करता रहा, तो बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगेगी और उन्हें उनका हक मिलेगा।
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