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IMHC 2024 News : भारत समुद्री विरासत सम्मेलन 2024, वैश्विक समुद्री धरोहर संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत की समुद्री विरासत को ‘वैश्विक संयोजक’ के रूप में रेखांकित किया

नई दिल्ली, रफ़्तार टुडे। भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को सहेजने और इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करने के उद्देश्य से आयोजित भारत समुद्री विरासत सम्मेलन 2024 (IMHC 2024) का आज उद्घाटन हुआ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यशोभूमि, द्वारका में आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समुद्री धरोहर को ‘वैश्विक संयोजक’ के रूप में रेखांकित किया।

समुद्री शक्ति के रूप में भारत का उदय

उपराष्ट्रपति ने कहा, “भारत अपने भौगोलिक और रणनीतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए एक उभरती हुई समुद्री शक्ति के रूप में खड़ा है। ‘सागर’ (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) जैसी पहलों के माध्यम से हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और मजबूत साझेदारी को बढ़ावा दे रहे हैं। यह सम्मेलन न केवल हमारी ऐतिहासिक धरोहर का सम्मान करता है, बल्कि टिकाऊ नवाचार की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।”

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल का दृष्टिकोण

केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस आयोजन को भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, “महासागर केवल संसाधन नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों से मिली धरोहर हैं। लोथल में स्थापित किया जा रहा राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर, भारत के समुद्री अतीत को जीवंत करेगा और युवा पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।”

पर्यटन और संस्कृति का संगम

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “लोथल के प्राचीन डॉकयार्ड से लेकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक, भारत का समुद्री इतिहास वैश्विक संपर्क और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक रहा है। हमारी समुद्री धरोहर न केवल हमारी संस्कृति को बढ़ावा देती है, बल्कि पर्यटन, शिक्षा, और नवाचार के नए द्वार खोलती है।”

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युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास

सम्मेलन ने कौशल विकास और रोजगार के अवसरों पर भी प्रकाश डाला। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने युवाओं को समुद्री अध्ययन और करियर में भागीदारी के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री धरोहर को शिक्षा और रोजगार के साथ जोड़कर एक समग्र विकास ढांचा तैयार किया जा रहा है।

सार्वभौमिक उद्देश्य और वैश्विक सहयोग

IMHC 2024 ने वैश्विक नेताओं, समुद्री विशेषज्ञों और सांस्कृतिक विचारकों को एक मंच पर लाया। यह आयोजन न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करता है, बल्कि इसे वैश्विक साझेदारी और सतत विकास के लिए एक आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करता है।

समापन संदेश

यह सम्मेलन भारत के समुद्री प्रभाव और सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को उजागर करते हुए, आने वाले समय में टिकाऊ विकास और वैश्विक सहयोग के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलने की उम्मीद करता है।

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रफ़्तार टुडे की न्यूज़

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