Galgotia University News : गलगोटियाज विश्वविद्यालय में “अन्वेषण 2024” छात्र अनुसंधान सम्मेलन का भव्य शुभारंभ, युवाओं की मेधा शक्ति की सराहना
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। गलगोटियाज विश्वविद्यालय में भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के तत्वावधान में दो दिवसीय “अन्वेषण 2024” छात्र अनुसंधान सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन में राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
डॉ. दिनेश शर्मा का प्रेरणादायक संबोधन
डॉ. दिनेश शर्मा ने भारत के युवाओं की मेधा शक्ति की सराहना करते हुए कहा, “भारत के युवा पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा और अनुसंधान क्षमता से पहचान बना रहे हैं। यह समय है कि युवा अपनी सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात कर इसे वैश्विक स्तर पर प्रचारित करें।”
उन्होंने संविधान दिवस का स्मरण करते हुए डॉ. भीमराव अंबेडकर और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के योगदान को नमन किया और छात्रों को भारत की प्रगति में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. शर्मा ने कोरोना महामारी के दौरान भारतीय अनुसंधान और टीकों की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आज 120 से अधिक देश भारत की तकनीकी उन्नति से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने यूपीआई और डिजिटल पुस्तकालयों जैसे सफल भारतीय अनुसंधानों का उदाहरण देकर देश की प्रगति की सराहना की।
उद्घाटन सत्र में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में गलगोटियाज विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे:
डॉ. देवकांत पहाड़ सिंह, वैज्ञानिक जी और डीआईबीईआर निदेशक
डॉ. विनय पाठक, एआईयू अध्यक्ष
डॉ. पंकज मित्तल, महासचिव, एआईयू
डॉ. अमरेंद्र पानी, संयुक्त निदेशक, एआईयू
चांसलर सुनील गलगोटिया ने अनुसंधान की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा,
“अनुसंधान और नवाचार भारत जैसे विविधता वाले देश की प्रगति के लिए अनिवार्य हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसके लिए नए आयाम खोल रही है।”
युवाओं के लिए प्रेरणा और अनुसंधान का महत्व
डॉ. शशि बाला सिंह, पूर्व महानिदेशक, ने छात्रों को अनुसंधान में निरंतरता बनाए रखने और नवाचार के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश दिया।
डॉ. विनय पाठक ने नई तकनीकों को अपनाने की प्रवृत्ति और पुरानी तकनीकों को पीछे छोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नोकिया का उदाहरण देते हुए अनुसंधान की निरंतरता की अहमियत समझाई और युवाओं को अनुसंधान को ग्रामीण क्षेत्रों तक ले जाने के लिए प्रेरित किया।
सम्मानित अतिथि डॉ. देवकांत पहाड़ सिंह ने युवाओं की अनुसंधान में रुचि को भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में महत्वपूर्ण बताया।
सम्मेलन में बड़ी भागीदारी
इस आयोजन में 45 विश्वविद्यालयों के 1400 से अधिक छात्र, 760 प्रतिभागी, और 140 परियोजनाएं शामिल हुईं।
डॉ. पंकज मित्तल ने प्रतिभागियों को सुझाव दिए और उनकी प्रस्तुतियों की सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. नितिन गौर, रजिस्ट्रार, ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और दूसरे दिन की गतिविधियों की जानकारी दी।
अन्वेषण 2024: नवाचार और भविष्य की ओर एक कदम
यह सम्मेलन न केवल अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में छात्रों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित भी करता है।
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